/young-bharat-news/media/media_files/2025/09/08/20250908_202045_0000-2025-09-08-20-22-12.jpg)
काव्य पाठ
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
साहित्य अकादेमी द्वारा आयोजित प्रतिष्ठित कार्यक्रम प्रवासी मंच में इंग्लैंड से आए चर्चित कवि मोहन राणा का काव्य पाठ हुआ। दिल्ली में जन्में और वर्तमान में लंदन निवासी मोहन राणा अब तक दस कविता संग्रह लिख चुके हैं। हाल ही में प्रकाशित उनकी पुस्तक पंक्तियों के बीच को पाठकों से अच्छी सराहना मिली है।
काव्य पाठ आवश्यक
काव्य पाठ के दौरान मोहन राणा ने अपनी अनेक कविताएँ सुनाईं और साथ ही अपनी रचना प्रक्रिया के अनुभव भी साझा किए। उन्होंने कहा कि “कविता और शब्द-संवेदना के बीच कवि एक कार्बन कॉपी की तरह होता है। कविता दो बार अनूदित होती है—पहली बार जब उसे लिखा जाता है और दूसरी बार जब उसे पढ़ा या सुना जाता है।” उन्होंने आगे कहा कि “मैं कविता की खिड़कियाँ बनाता हूँ, जो हमेशा खुली रहती हैं।”उन्होंने जिन कविताओं का पाठ किया उनमें पारगमन, यह जगह काफी है, एक सामान्य दिसंबर का दिन, चार चिड़ी तीन इक्के और एक जोकर, पानी का रंग, छतनार चीड़ की छाया में, होगा एक और शब्द तथा अर्थ शब्दों में नहीं तुम्हारे भीतर है विशेष रूप से श्रोताओं को प्रभावित कर गईं। उनकी कविताओं की संवेदनशीलता और गहनता ने दर्शकों को गहरे स्तर पर छुआ।
रचनाकार रहे मौजूद
काव्य पाठ के बाद श्रोताओं ने कवि से संवाद किया। कई सवाल पूछे गए और श्रोताओं ने अपनी टिप्पणियाँ भी साझा कीं। प्रवासी लेखन और कविता पर केंद्रित इस कार्यक्रम में साहित्य जगत के कई चर्चित हस्ताक्षर मौजूद रहे, जिनमें विमलेश कांति वर्मा, नारायण कुमार, अनिल जोशी, विनोद तिवारी और राजकुमार गौतम प्रमुख रहे।कार्यक्रम का संचालन साहित्य अकादेमी के उपसचिव देवेंद्र कुमार देवेश ने किया। उन्होंने आरंभ में मोहन राणा का स्वागत किया और अंत में धन्यवाद ज्ञापन भी प्रस्तुत किया। यह आयोजन प्रवासी लेखन और साहित्यिक संवाद की दृष्टि से अत्यंत सार्थक साबित हुआ, जिसने कवि और श्रोताओं दोनों को जोड़ने का कार्य किया।