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Police commissioner: कमिश्नर की पाठशाला,पुलिस के लहजे में आई मिठास

नए पुलिस कमिश्नर रविन्द्र गौड़ के कार्यभार संभालने के बाद से पुलिसिंग में नए प्रयोग और बदलाव देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने न केवल थानों की कार्यशैली में सुधार की दिशा में कदम उठाए हैं, बल्कि पुलिस और आम जनता के बीच विश्वास कायम करने की दिशा में भी

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Syed Ali Mehndi
कोतवाली में टॉफी

कवि नगर कोतवाल की टेबल पर ट्रॉफी

गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता

नए पुलिस कमिश्नर रविन्द्र गौड़ के कार्यभार संभालने के बाद से पुलिसिंग में नए प्रयोग और बदलाव देखने को मिल रहे हैं। उन्होंने न केवल थानों की कार्यशैली में सुधार की दिशा में कदम उठाए हैं, बल्कि पुलिस और आम जनता के बीच विश्वास कायम करने की दिशा में भी ठोस प्रयास शुरू किए हैं। इन्हीं प्रयासों के तहत हाल ही में उन्होंने थानों में टॉफी के डिब्बे रखने का अनोखा निर्देश जारी किया है, जो अब जमीन पर उतरता दिख रहा है।

 कोतवाली में टॉफी 

इस निर्देश का पहला असर गाजियाबाद के सिटी जोन के कविनगर थाने में देखा गया, जहां कोतवाल ने अपने कार्यालय की टेबल पर टॉफियों से भरा एक सुंदर डिब्बा सजा रखा है। बताया जा रहा है कि यह डिब्बा उन बच्चों के लिए है जो अपने परिजनों के साथ थाने आते हैं या किसी केस से जुड़े माइनर होते हैं। अक्सर ऐसा देखा गया है कि थानों का माहौल बच्चों के लिए डरावना और असहज होता है। ऐसे में टॉफी जैसी छोटी पहल से बच्चों को थोड़ी राहत और अपनापन महसूस होगा।

 फ्रेंडली एटमॉस्फेयर

इस पहल का उद्देश्य केवल बच्चों को खुश करना नहीं है, बल्कि इसके पीछे पुलिस का मानवीय चेहरा सामने लाना भी है। टॉफी का डिब्बा एक प्रतीक है कि पुलिस अब सिर्फ सख्ती नहीं, बल्कि संवेदनशीलता के साथ काम करने की दिशा में आगे बढ़ रही है। अगर इस तरह की पहलें सही रूप से लागू की जाती हैं, तो निश्चित रूप से जनता और पुलिस के बीच की दूरी घटेगी और विश्वास का एक नया पुल बनेगा।

 शानदार सोच 

कॉमिशनर रविन्द्र गौड़ की यह सोच दर्शाती है कि पुलिसिंग सिर्फ कानून व्यवस्था बनाए रखने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें मानवीय मूल्यों का समावेश भी आवश्यक है। यह पहल भले ही छोटी लगे, लेकिन इसका असर दीर्घकालिक और सकारात्मक हो सकता है। यदि अन्य थाने भी इसी भावना के साथ इस निर्देश को अपनाएं, तो यह गाजियाबाद पुलिस की एक नई और भरोसेमंद पहचान बन सकती है।

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