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Police bharti board : पुलिस के कारण स्वास्थ्य विभाग की चरमराई व्यवस्था

एक तो पहले ही सरकारी अस्पतालों की हालत बदत्तर थी लेकिन ऐसे में विशेष ड्युटियों ने गरीब मरीजों का हाल बेहाल कर दिया है इसका नज़ारा एक बार फिर इन दोनों देखने को मिल रहा है जहां सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हो रही है।

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Syed Ali Mehndi
पुलिस भर्ती बोर्ड मेडिकल स्टाफ

पुलिस भर्ती बोर्ड मेडिकल स्टाफ

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता 

एक तो पहले ही सरकारी अस्पतालों की हालत बदत्तर थी लेकिन ऐसे में विशेष ड्युटियों ने गरीब मरीजों का हाल बेहाल कर दिया है इसका नज़ारा एक बार फिर इन दोनों देखने को मिल रहा है जहां सरकारी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। बड़ी बात यह है कि इस मामले में स्वास्थ्य विभाग बैकफुट पर नजर आ रहा है क्योंकि स्वास्थ्य विभाग के पास कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं है।

 पुलिस भर्ती बोर्ड

एमएमजी अस्पताल में पहले से डॉक्टरों की कमी झेल रहे मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ा है अस्पताल में कार्यरत दोनों हड्डी रोग विशेषज्ञ को पुलिस भरती के लिए गठित मेडिकल बोर्ड में ड्यूटी पर भेज दिया जाए इससे हड्डी रोग से जुड़ी समस्याओं को लेकर आने वाले मरीजों की लाज प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। 

डॉक्टर की कमी

सीएमएस डॉक्टर राकेश कुमार ने बताया कि पुलिस भर्ती मेडिकल बोर्ड के लिए एमएमजी अस्पताल से तीन डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है इनमें हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉक्टर शेखर यादव और विनयकांत हैं डॉ विनय को गाजियाबाद पुलिस लाइन और डॉक्टर शेखर को बागपत भेजा गया है जबकि तीसरे डॉक्टर नरेंद्र नेत्र रोग विशेषज्ञ सीएमएस ने बताया कि उनकी भी ड्यूटी अमरोहा लगाई गई है लेकिन शासन स्तर पर वह आदेश रद्द कर दिया गया।

सीएमओ को लिखा पत्र 

अन्य डॉक्टरों की ड्यूटी पहले की तरह रखी गई है बताया गया है कि मेडिकल बोर्ड मंगलवार को शुरू होकर आगामी 15 दिनों तक चलेगा सीएमएस का कहना है कि डॉक्टरों की कमी से मरीजों को परेशानी ना हो इसके लिए सीएमओ को पत्र भेज कर हड्डी रोग विशेषज्ञ की तैनाती की मांग की गई है।

 हड्डी रोगी परेशान 

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अस्पताल में प्रतिदिन औसतन 150 से 200 मैरिज हड्डी रोग से जुड़ी समस्याओं को लेकर पहुंचते हैं ऐसे में दोनों विशेषज्ञों की गैर हाजिरी में मरीजों को इलाज में देरी और सुविधा का सामना करना पड़ेगा वहीं सीएमओ डॉक्टर अखिलेश मोहन का कहना है कि मरीजों को परेशानी नहीं होने दिया जाएगा ड्यूटी भी अनिवार्य है लेकिन वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी।

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