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Politics : बसपा में महासंग्राम,कई पदाधिकारी का काम तमाम

राजनीति में वक्त और हालात का कोई भरोसा नहीं होता। कल तक जो लोग पार्टी संगठन में निर्णायक भूमिका निभा रहे थे, आज वे किनारे कर दिए गए हैं। बहुजन समाज पार्टी में मेरठ मंडल के प्रभावशाली नेता शमशुद्दीन राइन के निष्कासन के बाद संगठन में बड़ा फेरबदल देखने को

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Syed Ali Mehndi
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फाइल फोटो

गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता 

राजनीति में वक्त और हालात का कोई भरोसा नहीं होता। कल तक जो लोग पार्टी संगठन में निर्णायक भूमिका निभा रहे थे, आज वे किनारे कर दिए गए हैं। बहुजन समाज पार्टी में मेरठ मंडल के प्रभावशाली नेता शमशुद्दीन राइन के निष्कासन के बाद संगठन में बड़ा फेरबदल देखने को मिला है। राइन के प्रभाव क्षेत्र में उनकी टीम से जुड़े अधिकांश पदाधिकारी या तो हटा दिए गए हैं या उनके पद घटा दिए गए हैं।कुछ समय पहले तक मेरठ मंडल में बिना शमशुद्दीन राइन की अनुमति के कोई निर्णय नहीं लिया जाता था। लेकिन जैसे ही पार्टी ने उन्हें बाहर का रास्ता दिखाया, पूरा समीकरण बदल गया। जिन लोगों ने राइन के साथ लंबे समय तक काम किया, वे अब हाशिए पर हैं।

कई पदाधिकारी हुए पदविहीन

राइन के साथ काम करने वाले रामरूप बोद्ध और रवि जाटव जैसे मंडल कॉर्डिनेटर अब अपने पद से हटा दिए गए हैं। इन दोनों को संगठन ने पूरी तरह पैदल कर दिया है। इसी तरह कुछ समय पहले ही जिलाध्यक्ष बने नरेंद्र मोहित को भी किसी पद की जिम्मेदारी नहीं दी गई है।

कई नेताओं का कद घटा

राइन के निकट माने जाने वाले और मायावती सरकार में मंत्री रह चुके दयाराम सैन का कद भी घटा दिया गया है। पहले वे मंडल कॉर्डिनेटर थे, लेकिन अब उन्हें महानगर कमेटी में महामंत्री बना दिया गया है। इसी तरह मेरठ मंडल के कॉर्डिनेटर रहे विजय सिंह को भी पदावनत कर जिला कॉर्डिनेटर बना दिया गया है।

नए जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी

पार्टी ने नए जिलाध्यक्ष के रूप में मनोज जाटव को नियुक्त किया है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने उन पर जो विश्वास जताया है, उस पर वे पूरी निष्ठा और ईमानदारी से खरा उतरने का प्रयास करेंगे। हालांकि, संगठन में हुए इस बड़े फेरबदल पर पार्टी का कोई भी वरिष्ठ नेता खुलकर कुछ बोलने को तैयार नहीं है। पूर्व जिलाध्यक्ष नरेंद्र मोहित से इस विषय पर संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ मिला। देर शाम तक उनसे किसी भी माध्यम से संपर्क नहीं हो सका।राइन के निष्कासन के बाद बसपा के मेरठ मंडल में मची यह हलचल इस बात का संकेत है कि पार्टी अब संगठन में नई रणनीति और नए चेहरों के साथ आगे बढ़ना चाहती है। हालांकि, पुराने कार्यकर्ताओं में इस बदलाव को लेकर नाराजगी और असमंजस दोनों ही स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहे हैं।

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