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Politics : भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर का आरोप – "लोनी में पुलिस चौकियां बिक रही हैं"

लोनी से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने एक बार फिर विवादित बयान देकर राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है। उनका आरोप है कि लोनी क्षेत्र में पुलिस चौकियां पैसों के दम पर बेची जा रही हैं। यानी जो भी पैसे देता है, वही चौकी प्रभारी की कुर्सी हासिल कर लेता

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Syed Ali Mehndi
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विधायक नंदकिशोर गुर्जर

गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

लोनी से भाजपा विधायक नंदकिशोर गुर्जर ने एक बार फिर विवादित बयान देकर राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है। उनका आरोप है कि लोनी क्षेत्र में पुलिस चौकियां पैसों के दम पर बेची जा रही हैं। यानी जो भी पैसे देता है, वही चौकी प्रभारी की कुर्सी हासिल कर लेता है।

लापरवाह पुलिस

विधायक गुर्जर ने कहा कि इस तरह के हालात से क्षेत्र में अपराधियों का बोलबाला बढ़ गया है और पुलिस बैकफुट पर दिखाई दे रही है। उन्होंने दावा किया कि हाल ही में नियुक्त हुए उप-निरीक्षकों को न तो अनुभव है और न ही अपराधियों से सख्ती से निपटने की क्षमता। ऐसे में अपराधी बेखौफ होकर क्षेत्र में सक्रिय हैं।उन्होंने आरोप लगाया कि नए चौकी प्रभारी जनता की समस्याओं पर ध्यान देने के बजाय मीटिंग और पैसों के जुगाड़ में व्यस्त रहते हैं। “इनके लिए पैसा कमाना ही एकमात्र लक्ष्य रह गया है,” गुर्जर ने कहा।

सीएम से शिकायत 

विधायक ने चेतावनी दी कि यदि स्थिति में जल्द सुधार नहीं हुआ तो वे इस मुद्दे को मुख्यमंत्री के सामने उठाएंगे। साथ ही, आवश्यकता पड़ने पर धरना-प्रदर्शन भी करेंगे। उन्होंने कहा कि जनता के हितों की रक्षा के लिए वे हर संभव कदम उठाने को तैयार हैं।गुर्जर के इस बयान ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। विपक्षी दलों का कहना है कि यह भाजपा की सरकार में कानून-व्यवस्था की असफलता का प्रमाण है। उनका तर्क है कि अगर सत्तारूढ़ दल का विधायक ही पुलिस पर गंभीर आरोप लगा रहा है, तो आम जनता किस पर भरोसा करे।

तेजी से बढ़ते अपराध 

स्थानीय निवासियों का भी कहना है कि क्षेत्र में चोरी, लूट और नशाखोरी जैसी घटनाएं बढ़ी हैं। कई बार पुलिस को सूचना देने के बावजूद ठोस कार्रवाई नहीं होती। लोगों ने मांग की है कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।वहीं, पुलिस प्रशासन का पक्ष सामने नहीं आ पाया है। फिलहाल यह देखना होगा कि विधायक गुर्जर की चेतावनी पर सरकार और पुलिस विभाग क्या कदम उठाते हैं।गुर्जर का यह बयान न केवल सरकार और पुलिस की जवाबदेही पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि कानून-व्यवस्था की जमीनी हकीकत कितनी गंभीर हो चुकी है।

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