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फाइल फोटो
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
भाजपा के पूर्व मंत्री बालेश्वर त्यागी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट डाली है जिसमें उन्होंने कहा है कि ग्रेटर गाजियाबाद का प्रोजेक्ट शहर के लिए अच्छा नहीं रहेगा इससे विकास की गति रुकेगी, उन्होंने कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा स्वतंत्र प्रशासनिक इकाइयां हैं। उनका ढांचा और संचालन अलग-अलग है, जबकि ग्रेटर गाजियाबाद में चार अलग नगर निकायों—गाजियाबाद, खोड़ा, लोनी और मुरादनगर—को एक इकाई में जोड़ा जा रहा है, जो व्यवहारिक नहीं है।
प्रशासनिक दक्षता के विपरीत निर्णय
त्यागी के अनुसार, जहां देशभर में छोटी प्रशासनिक यूनिट्स की मांग है, वहीं यह विलय प्रशासनिक केंद्रीकरण की ओर बढ़ रहा है। भाजपा भी छोटे राज्यों और जिलों की पक्षधर रही है, ऐसे में यह कदम स्वयं पार्टी की नीति के खिलाफ है।
विकास पर पड़ेगा प्रतिकूल प्रभाव
उन्होंने कहा कि गाजियाबाद एक नियोजित शहर है, जबकि बाकी तीनों क्षेत्र विकास के प्राथमिक चरण में हैं। एकीकरण से गाजियाबाद की विकास योजनाएं बाधित होंगी और उसके संसाधन नए क्षेत्रों में बंट जाएंगे।
कमजोर फैसला
चार नगर निकायों के विलय से उनके स्थानीय जनप्रतिनिधियों का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा। इससे जनता और प्रशासन के बीच दूरी बढ़ेगी, स्थानीय समस्याओं के समाधान में देरी होगी और जनता में असंतोष पनपेगा।
राजनीतिक नुकसान
त्यागी ने चेताया कि इस निर्णय से भाजपा को राजनीतिक लाभ के बजाय नुकसान हो सकता है। विपक्ष इस मुद्दे को भुनाएगा और भाजपा को जनविरोध का सामना करना पड़ सकता है। यह निर्णय पार्टी के लिए "वाटर लू" साबित हो सकता है।
पुनर्विचार की मांग
अंत में उन्होंने सरकार से मांग की कि इस निर्णय को लागू करने से पहले सार्वजनिक बहस कराई जाए और सभी पक्षों को सुना जाए, ताकि लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत संतुलित निर्णय लिया जा सके।