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वीके सिंह और सीएम योगी की मुलाकात
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
रिटायर्ड जनरल एवं मिजोरम के राज्यपाल डॉ. वी.के. सिंह ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से लखनऊ में शिष्टाचार भेंट की। इस मुलाकात ने न सिर्फ प्रशासनिक हलकों में बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी खासा हलचल पैदा कर दी है। डॉ. वी.के. सिंह का यह दौरा और मुख्यमंत्री से संवाद कई दृष्टियों से महत्वपूर्ण माना जा रहा है। खासतौर पर उनके द्वारा गाजियाबाद को लेकर जताई गई सक्रियता ने इस मुलाकात को और भी खास बना दिया।
महामहिम का गाजियाबाद प्रेम
गौरतलब है कि डॉ. वी.के. सिंह लंबे समय तक गाजियाबाद से सांसद रहे हैं और उन्होंने इस क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका निभाई है। मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान उन्होंने गाजियाबाद में चल रही विकास योजनाओं, आधारभूत ढांचे की स्थिति और भविष्य की परियोजनाओं पर विस्तृत चर्चा की। इसके अलावा उन्होंने मुख्यमंत्री को गाजियाबाद के आम नागरिकों की विभिन्न समस्याओं से भी अवगत कराया। यह मुलाकात यह स्पष्ट करती है कि गाजियाबाद से उनका भावनात्मक जुड़ाव अब भी बरकरार है और वह अब भी इस क्षेत्र के विकास में रुचि रखते हैं।हालांकि यह मुलाकात एक औपचारिक भेंट के तौर पर दिखाई गई, लेकिन राजनीतिक जानकार इसे एक संभावित सियासी संकेत के रूप में देख रहे हैं। कई विश्लेषक इसे आगामी 2027 विधानसभा चुनावों से जोड़कर देख रहे हैं। उनका मानना है कि वी.के. सिंह की सक्रियता और गाजियाबाद पर केंद्रित यह संवाद एक बार फिर उनके सियासी पुनरागमन की ओर इशारा कर सकता है। यह बात इसलिए भी अहम है क्योंकि वी.के. सिंह भाजपा के उन वरिष्ठ चेहरों में से हैं, जिन्होंने सेना के अनुभव को प्रशासन और राजनीति में बखूबी उतारा।
मिशन 2027
यह भी चर्चा है कि गाजियाबाद जैसे महत्वपूर्ण और राजनीतिक रूप से जागरूक शहर में पार्टी को एक मजबूत चेहरे की जरूरत है, और डॉ. वी.के. सिंह इस कसौटी पर खरे उतरते हैं। उनकी छवि एक अनुशासित, स्पष्टवादी और विकासोन्मुखी नेता की रही है। ऐसे में अगर पार्टी आगामी चुनावों के लिए कोई नई रणनीति बना रही है, तो उसमें वी.के. सिंह की भूमिका एक बार फिर महत्वपूर्ण हो सकती है।हालांकि अभी तक इस मुलाकात को लेकर कोई आधिकारिक राजनीतिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन इसके निहितार्थों पर चर्चा तेज हो गई है। क्या यह मुलाकात केवल एक शिष्टाचार भेंट थी या इसके पीछे कोई गहरी राजनीतिक रणनीति है, यह आने वाले समय में स्पष्ट होगा। मगर इतना तय है कि डॉ. वी.के. सिंह का गाजियाबाद प्रेम अभी भी कायम है और वह इस शहर के विकास व जनता की आवाज उठाने में पहले की ही तरह गंभीर हैं।
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