Advertisment

Politics : भारतीय सेना ने बढ़ाया देश का मान, भाजपा ने किया देश की बेटी का अपमान

हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के एक मंत्री द्वारा कर्नल सोफिया के विरुद्ध कथित तौर पर की गई अभद्र टिप्पणी ने देशभर में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। इस मामले में समाजवादी पार्टी महिला सभा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।

author-image
Syed Ali Mehndi
सपा महिला सभा

सपा महिला सभा

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता 

हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के एक मंत्री द्वारा कर्नल सोफिया के विरुद्ध कथित तौर पर की गई अभद्र टिप्पणी ने देशभर में आक्रोश की लहर पैदा कर दी है। इस मामले में समाजवादी पार्टी महिला सभा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। महिला सभा की जिला अध्यक्ष दुर्गेश चौधरी ने इसे देश की बेटियों का अपमान करार देते हुए भारतीय जनता पार्टी के असली चेहरों को उजागर करने वाला कदम बताया है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की टिप्पणी केवल एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि भाजपा की सोच को दर्शाती है, जो महिलाओं के सम्मान और सशक्तिकरण के विरुद्ध है।

महिला जिला अध्यक्ष दुर्गेश चौधरी
महिला जिला अध्यक्ष दुर्गेश चौधरी

वीरांगना का अपमान 

दुर्गेश चौधरी ने कहा कि कर्नल सोफिया एक वीरांगना हैं जिन्होंने देश के लिए सेवा की है और देश की रक्षा में योगदान दिया है। ऐसे में उनके लिए इस प्रकार के अशोभनीय शब्दों का प्रयोग न केवल असंवेदनशील है, बल्कि यह दिखाता है कि भाजपा के नेता अपने पद की गरिमा को भूलकर सत्ता के मद में चूर हो चुके हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा के मंत्री विजय शाह का यह बयान निंदनीय ही नहीं, बल्कि शर्मनाक भी है, और उन्हें तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।

बेहद बुरी सोच 

यह घटना यह भी दिखाती है कि भाजपा के कुछ नेता सत्ता में होने के बावजूद संवैधानिक मर्यादाओं और सामाजिक उत्तरदायित्व को निभाने में विफल रहे हैं। महिलाओं के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग केवल एक व्यक्ति विशेष की गलती नहीं, बल्कि यह उस राजनीतिक पार्टी की सोच का प्रतिबिंब है, जो केवल दिखावटी ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ के नारे लगाती है, लेकिन जब कार्यान्वयन की बात आती है तो असलियत सामने आ जाती है।

सेना के साथ है देश 

समाजवादी पार्टी महिला सभा का यह कदम न केवल एक मंत्री के अपमानजनक बयान के विरुद्ध है, बल्कि यह महिला सम्मान की रक्षा के लिए एक जनांदोलन का संकेत भी है। यह जरूरी है कि हर राजनीतिक दल और समाज का हर वर्ग ऐसे मामलों में एकजुट होकर महिलाओं के खिलाफ हो रहे अन्याय के विरुद्ध आवाज़ उठाए, ताकि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक सुरक्षित और सम्मानजनक समाज का निर्माण किया जा सके।

Advertisment

Advertisment
Advertisment