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Politics : रामलीला में महाभारत जारी,अध्यक्ष प्रदीप चौधरी का इस्तीफा नामंजूर

संजय नगर स्थित श्री आदर्श धार्मिक रामलीला कमेटी में चल रहे विवाद के बीच अध्यक्ष प्रदीप चौधरी द्वारा सोशल मीडिया पर दिए गए इस्तीफे को कोर कमेटी ने सर्वसम्मति से खारिज कर दिया है। मंगलवार देर शाम बुलाई गई आपात बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जब तक कमेटी के

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Syed Ali Mehndi
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रामलीला कमेटी

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गाज़ियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

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संजय नगर स्थित श्री आदर्श धार्मिक रामलीला कमेटी में चल रहे विवाद के बीच अध्यक्ष प्रदीप चौधरी द्वारा सोशल मीडिया पर दिए गए इस्तीफे को कोर कमेटी ने सर्वसम्मति से खारिज कर दिया है। मंगलवार देर शाम बुलाई गई आपात बैठक में यह निर्णय लिया गया कि जब तक कमेटी के प्रशासनिक चुनाव नहीं हो जाते, तब तक प्रदीप चौधरी ही अध्यक्ष बने रहेंगे और आगामी रामलीला महोत्सव का संचालन करेंगे।

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रामलीला कमेटी संजय नगर
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दो पक्षों में मतभेद

दरअसल, रामलीला कमेटी में पिछले कुछ समय से दो पक्षों के बीच मतभेद चल रहे हैं। इस विवाद को समाप्त करने के लिए प्रदीप चौधरी ने पहल करते हुए सोशल मीडिया के माध्यम से अपना इस्तीफा सार्वजनिक किया था। उनका उद्देश्य था कि व्यक्तिगत पद छोड़कर वह संगठन में शांति स्थापित कर सकें। दूसरी ओर, विरोधी पक्ष से जुड़े संजीव चौधरी ने यह प्रस्ताव रखा था कि यदि स्थानीय पार्षद एवं दूसरे पक्ष के अध्यक्ष उमेश पप्पू नागर मंगलवार शाम 4:00 बजे तक अपना इस्तीफा दे देते हैं, तो समाधान की संभावना बन सकती है।

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रामलीला महोत्सव

हालांकि, निर्धारित समय तक पार्षद की ओर से कोई इस्तीफा नहीं आया और ना ही सुलह की कोई ठोस पहल हुई। इस पर कोर कमेटी ने कड़ा रुख अपनाते हुए बैठक आयोजित की, जिसमें सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि प्रदीप चौधरी का इस्तीफा स्वीकार नहीं किया जाएगा। कमेटी ने कहा कि किसी भी स्थिति में रामलीला महोत्सव का आयोजन बाधित नहीं होना चाहिए और इसके लिए आवश्यक है कि अनुभवी नेतृत्व बना रहे।

अहम बैठक 

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इस अहम बैठक में कोर कमेटी के सदस्य मोहन सिंह रावत, अशोक चांदीवाल, बिरेंद्र बाबू वर्मा, पवन शर्मा, अरुण शर्मा, कपिल वशिष्ठ, मोनू त्यागी, शुभ चौधरी, ऋषभ तिवारी, चेतन गौड़, मनोज कुमार वर्मा सहित अन्य प्रमुख सदस्य उपस्थित रहे। सभी ने एकमत से यह भी कहा कि आने वाले समय में प्रशासनिक चुनाव कराए जाएंगे, लेकिन तब तक प्रदीप चौधरी की अध्यक्षता में ही आयोजन की तैयारियां चलती रहेंगी। इस घटनाक्रम के बाद अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रामलीला कमेटी के दोनों पक्ष आगे सुलह की दिशा में कोई कदम उठाते हैं या टकराव की स्थिति बनी रहती है।

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