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Politics : डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी बलिदान दिवस पर संगोष्ठी का आयोजन

गाजियाबाद। भारतीय जनसंघ के संस्थापक, महान राष्ट्रवादी चिंतक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी गाजियाबाद द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन नेहरू नगर स्थित पार्टी कार्यालय में किया गया। इस अवसर पर

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Syed Ali Mehndi
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कार्यक्रम आयोजित

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गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता 

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गाजियाबाद। भारतीय जनसंघ के संस्थापक, महान राष्ट्रवादी चिंतक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस के अवसर पर भारतीय जनता पार्टी गाजियाबाद द्वारा एक संगोष्ठी का आयोजन नेहरू नगर स्थित पार्टी कार्यालय में किया गया। इस अवसर पर डॉ. मुखर्जी के राष्ट्रहित में किए गए योगदान और उनके अद्वितीय व्यक्तित्व पर विचार-विमर्श किया गया।

डॉ मुख़र्जी अमर रहे 

कार्यक्रम का शुभारंभ भाजपा महानगर अध्यक्ष मयंक गोयल के नेतृत्व में डॉ. मुखर्जी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पण के साथ हुआ। प्रस्तावना वक्तव्य में मयंक गोयल ने कहा कि डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का जीवन राष्ट्रवाद, त्याग और दूरदर्शिता का प्रतीक है। उन्होंने देश की एकता व अखंडता के लिए जो संघर्ष किया, वह आज भी हर कार्यकर्ता के लिए प्रेरणास्त्रोत है।

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देश की आत्म रक्षा के लिए बलिदान

मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित पूर्व मंत्री नबाब सिंह नागर ने कहा कि डॉ. मुखर्जी का बलिदान केवल जम्मू-कश्मीर के लिए नहीं, बल्कि भारत की आत्मा की रक्षा के लिए था। उन्होंने 'एक देश, एक विधान, एक प्रधान, एक निशान' का नारा देकर देश को वैचारिक एकता का मार्ग दिखाया।श्री नागर ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत आज जिन नीतियों पर आगे बढ़ रहा है, वे डॉ. मुखर्जी के विचारों की ही प्रतिध्वनि हैं। अनुच्छेद 370 की समाप्ति, राष्ट्रहित को सर्वोपरि रखने की नीति और वैचारिक दृढ़ता— इन्हीं सिद्धांतों से प्रेरित हैं।

वैचारिक प्रतिबद्धता

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कार्यक्रम का संचालन भाजपा महामंत्री राजेश त्यागी एवं कामेश्वर त्यागी ने किया। समापन पर पूर्व डिप्टी मेयर राजेश्वर प्रसाद ने सभी अतिथियों एवं कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त किया।संगोष्ठी में भाजपा के वरिष्ठ पदाधिकारी, कार्यकर्ता, समाजसेवी व अनेक बुद्धिजीवी उपस्थित रहे। सभी ने डॉ. मुखर्जी के विचारों को आत्मसात करने का संकल्प लिया और राष्ट्र निर्माण में उनके दिखाए मार्ग पर चलने का प्रण दोहराया।यह आयोजन भाजपा की वैचारिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो राजनीति को सेवा, सिद्धांत और राष्ट्रवाद से जोड़ता है।

 

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