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Politics: तो क्या 8 साल भाजपा चला रही थी लूट उत्सव ,कांग्रेस ने किया सवाल

केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) स्लैब में की गई कमी को लेकर विपक्ष ने कड़ा रुख अपनाया है। गाजियाबाद कांग्रेस की जिला उपाध्यक्ष ममता सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज जब भाजपा “बचत उत्सव” मना रही है तो यह सवाल भी

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Syed Ali Mehndi
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राजनीतिक हमले

गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता 

केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) स्लैब में की गई कमी को लेकर विपक्ष ने कड़ा रुख अपनाया है। गाजियाबाद कांग्रेस की जिला उपाध्यक्ष ममता सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आज जब भाजपा “बचत उत्सव” मना रही है तो यह सवाल भी उठता है कि पिछले आठ वर्षों से क्या “लूट उत्सव” चल रहा था?

जारी किया पोस्ट

ममता सिंह ने अपने आरोपों को मजबूत करने के लिए एक पोस्टर भी जारी किया। इसमें उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया कि आठ सालों तक हर आवश्यक वस्तु पर उच्च दरों का जीएसटी लगाकर खासतौर से महिलाओं की जेब पर बोझ क्यों डाला गया। उन्होंने कहा कि घरेलू उपयोग की वस्तुएं जैसे रसोई गैस, खाद्य सामग्री, कपड़े और बच्चों की जरूरी चीजों पर जीएसटी थोपकर महिलाओं की आर्थिक स्थिति को कमजोर किया गया।कांग्रेस नेता ने कहा कि महिलाएं घर का बजट संभालती हैं और हर रोज बाजार की महंगाई से सीधे जूझती हैं। ऐसे में जीएसटी के नाम पर लगाई गई अतिरिक्त कर दरों का बोझ सबसे ज्यादा महिलाओं ने ही उठाया है। उन्होंने सवाल किया कि सरकार को अचानक आठ साल बाद “जनता की बचत” की चिंता क्यों सताने लगी? क्या यह कदम चुनावी मजबूरी में उठाया गया है?

दिखावा कर रही है केंद्र सरकार

ममता सिंह ने यह भी कहा कि यदि सरकार वास्तव में आम जनता को राहत देना चाहती है तो केवल कुछ वस्तुओं पर स्लैब घटाने से काम नहीं चलेगा। जरूरी है कि सभी आवश्यक वस्तुओं को जीएसटी के दायरे से बाहर किया जाए। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि भाजपा सरकार पहले जनता की जेब खाली करती है और फिर राहत देने का दिखावा कर वाहवाही लूटना चाहती है।गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र सरकार ने कुछ चुनिंदा वस्तुओं और सेवाओं पर जीएसटी दरों में कमी की घोषणा की है। भाजपा इसे “बचत उत्सव” बताकर जनता को राहत देने का दावा कर रही है। वहीं, विपक्ष का कहना है कि यह कदम देरी से उठाया गया और केवल राजनीतिक लाभ के लिए है।गाजियाबाद में कांग्रेस पदाधिकारी के इस बयान ने स्थानीय स्तर पर राजनीतिक बहस को तेज कर दिया है। समर्थक इसे महिलाओं की आवाज उठाने वाला साहसिक बयान बता रहे हैं, जबकि भाजपा नेता इसे सिर्फ चुनावी राजनीति से जोड़कर देख रहे हैं। आने वाले समय में यह मुद्दा स्थानीय राजनीति में किस तरह असर डालेगा, इस पर सभी की निगाहें टिकी हैं।

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