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पूनम कौशिक पर हमले का मामला
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
भाजपा महिला मोर्चा की महानगर अध्यक्ष पूनम कौशिक पर हुए हमले का मामला अब नया मोड़ लेता दिखाई दे रहा है। पार्टी के ही एक वरिष्ठ नेता मनोज वर्मा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट डालकर गंभीर आरोप लगाए हैं। वर्मा का कहना है कि पूनम कौशिक पर हमला करने वाली महिलाओं को भाजपा के एक बड़े नेता का संरक्षण प्राप्त है। यही नहीं, उक्त नेता पूनम कौशिक पर दबाव बना रहा है कि वे अपने मामले को वापस लें। इस आरोप के सामने आने के बाद न केवल भाजपा की स्थानीय राजनीति में हलचल तेज हो गई है बल्कि पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है।
पार्किंग को लेकर विवाद
गौरतलब है कि बीती रात पार्किंग को लेकर हुए मामूली विवाद के बाद पूनम कौशिक पर कुछ महिलाओं ने कथित तौर पर हमला कर दिया था। इस घटना में भाजपा नेत्री को चोटें भी आईं और उन्हें मेडिकल के लिए अस्पताल ले जाना पड़ा। घटना के तुरंत बाद उन्होंने संबंधित थाने में शिकायत दर्ज कराई, परंतु आरोप है कि पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करने के बजाय मामले को हल्के में लेने का प्रयास किया। इससे आक्रोशित होकर पार्टी कार्यकर्ताओं ने थाने में विरोध भी जताया।
मनोज वर्मा का आरोप
इसी बीच भाजपा नेता मनोज वर्मा की सोशल मीडिया पोस्ट ने पूरे प्रकरण को और गरमा दिया है। उन्होंने खुलकर लिखा कि यदि पार्टी के अंदर ही किसी बड़े नेता का संरक्षण हमलावरों को प्राप्त है, तो यह न केवल अनुशासनहीनता है बल्कि भाजपा की साख को भी ठेस पहुँचाने वाला कदम है। वर्मा ने यह भी कहा कि यदि पूनम कौशिक पर दबाव बनाया जा रहा है, तो यह लोकतांत्रिक मूल्यों और महिला नेतृत्व के सम्मान के विपरीत है।
निष्पक्ष कानूनी कार्रवाई
पूनम कौशिक स्वयं इस घटनाक्रम को लेकर अडिग दिखाई दे रही हैं। उन्होंने साफ शब्दों में कहा है कि हमला करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अनिवार्य है और वह किसी भी दबाव में अपना कदम पीछे नहीं खींचेंगी। कौशिक का कहना है कि यदि पार्टी की किसी महिला पदाधिकारी पर हमला होता है और दोषियों को संरक्षण मिलता है, तो यह न केवल महिला कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ने वाला है बल्कि संगठन की छवि पर भी धब्बा है। वहीं पुलिस का कहना है कि मामले की जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया है कि कानून से ऊपर कोई नहीं है और चाहे मामला कितना भी संवेदनशील क्यों न हो, जांच निष्पक्ष होगी।
राजनीतिक गलियारों में चर्चा
राजनीतिक गलियारों में इस प्रकरण को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। एक ओर पार्टी के कुछ कार्यकर्ता पूनम कौशिक के समर्थन में खुलकर सामने आ रहे हैं तो दूसरी ओर कुछ नेता चुप्पी साधे हुए हैं। इस चुप्पी को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं कि आखिरकार पार्टी के भीतर किस तरह का दबाव काम कर रहा है।कुल मिलाकर, पूनम कौशिक पर हुआ हमला अब केवल एक आपराधिक मामला नहीं रह गया है, बल्कि यह भाजपा की आंतरिक राजनीति और गुटबाजी का आईना भी बनकर उभर रहा है। देखना यह होगा कि आने वाले दिनों में पार्टी इस मामले को किस तरह सुलझाती है और क्या वाकई दोषियों पर सख्त कार्रवाई होती है या मामला राजनीतिक दबाव के बीच ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।