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गाजियाबाद, वाईबीएनसंवाददाता
जैसे-जैसे मौसम में ठंडक बढ़ने लगी है, वैसे-वैसे दिल्ली-एनसीआर की हवा एक बार फिर जहरीली होती जा रही है। शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के आंकड़े चौंकाने वाले रहे। 242 एक्यूआई के साथ गाजियाबाद देश का छठा सबसे प्रदूषित शहर दर्ज किया गया, जबकि 280 एक्यूआई के साथ ग्रेटर नोएडा सबसे ऊपर रहा। इस बढ़ते प्रदूषण को लेकर आम लोगों में चिंता का माहौल है, वहीं प्रशासन की ओर से अभी तक किसी ठोस कार्ययोजना की घोषणा नहीं की गई है।
बढ़ता प्रदूषण खतरनाक
स्थानीय निवासियों का कहना है कि हर साल प्रदूषण की समस्या बढ़ती है, लेकिन समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता। पिछले वर्षों में भी योजनाएँ तो बनीं, पर अमल के स्तर पर सब कुछ कागजों तक ही सीमित रह गया। नतीजा यह हुआ कि लोगों को जहरीली हवा में ही सांस लेने को मजबूर होना पड़ा। इस बार स्थिति और चिंताजनक इसलिए है क्योंकि प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से अब तक कोई औपचारिक दिशानिर्देश जारी नहीं किए गए हैं। गत वर्षों में प्रदूषण के हॉट स्पॉट क्षेत्रों के रूप में साहिबाबाद, राजनगर एक्सटेंशन, लोनी, भोपुरा-दिल्ली बॉर्डर, वसुंधरा और सिद्धार्थ विहार को चिन्हित किया गया था। इन इलाकों में उद्योगों, धूल उड़ाती सड़कों, निर्माण कार्यों और वाहनों से निकलते धुएं को प्रदूषण का मुख्य कारण माना गया था। उस समय इन क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाने और नियमित पानी का छिड़काव करने के निर्देश दिए गए थे। लेकिन इस वर्ष न तो किसी हॉट स्पॉट की पहचान हुई है और न ही मॉनिटरिंग शुरू की गई है।
और बिगाड़ सकते हैं हालात
लोगों का कहना है कि प्रशासन अगर अभी से ठोस कार्रवाई नहीं करता, तो नवंबर-दिसंबर तक हालात और भी बिगड़ सकते हैं। स्कूल जाने वाले बच्चे, बुजुर्ग और अस्थमा के मरीज पहले से ही परेशानी झेल रहे हैं। प्रदूषण के बढ़ने से आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ और गले में खराश जैसी शिकायतें आम होती जा रही हैं। इस संबंध में क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी अंकित सिंह ने बताया कि प्रदूषण नियंत्रण को लेकर विभिन्न स्तरों पर काम पहले से ही किया जा रहा है। शीघ्र ही एक बैठक बुलाकर विस्तृत रोकथाम योजना तैयार की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय निकायों को सड़क सफाई, कूड़ा प्रबंधन और निर्माण स्थलों पर धूल नियंत्रण के निर्देश दिए जाएंगे। फिलहाल गाजियाबाद की हवा लगातार “खराब” श्रेणी में दर्ज हो रही है और यदि प्रशासन ने जल्द कदम नहीं उठाए तो आने वाले दिनों में यह स्थिति “गंभीर” स्तर तक पहुंच सकती है। लोगों को फिलहाल मास्क का प्रयोग करने और सुबह-शाम अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचने की सलाह दी जा रही है।