/young-bharat-news/media/media_files/2025/12/02/screenshot_2025_1202_143033-2025-12-02-14-34-16.jpg)
कर्तव्य बारिश
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
दिल्ली-NCR में लगातार गिरती वायु गुणवत्ता ने लोगों का जनजीवन बेहद प्रभावित कर दिया है। सरकार की ओर से कृत्रिम बारिश का प्रस्ताव, निर्माण स्थलों पर निगरानी, और वाहन नियंत्रण जैसे कई कदम उठाए गए, लेकिन फिर भी प्रदूषण का स्तर चिंता का विषय बना हुआ है। ऐसे माहौल में गाज़ियाबाद के राजनगर एक्सटेंशन स्थित Brave Hearts Society ने एक अनोखी पहल कर न सिर्फ अपने परिसर की हवा को स्वच्छ बनाया, बल्कि अन्य सोसाइटियों के लिए भी मिसाल पेश कर दी।
अनोखा प्रयास
पिछले कई दिनों से AQI ख़तरनाक स्तर तक पहुंच चुका था, जिसके चलते सोसायटी के बच्चे, बुजुर्ग और बीमार लोग घरों तक ही सीमित थे। खासतौर पर सुबह और शाम के समय धुंध इतनी घनी हो जाती थी कि लोगों के लिए खुले में निकलना मुश्किल हो रहा था। इसे देखते हुए सोसायटी की AOA ने एक अहम निर्णय लिया—टावरों की ऊपरी मंजिलों से बड़े पैमाने पर पानी का छिड़काव कर हवा में मौजूद धूल व सूक्ष्म कणों को नीचे बैठाना।इस प्रक्रिया के लिए सोसायटी में मौजूद फायर सेफ्टी उपकरणों का उपयोग किया गया। साथ ही, पानी की बर्बादी रोकने की दृष्टि से STP (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) से प्राप्त पुनर्चक्रित पानी का इस्तेमाल किया गया। यह छिड़काव एक साथ लगभग पाँच टावरों पर किया गया, जिससे पूरे परिसर में मिनटों में हवा साफ नज़र आने लगी। निवासियों के अनुसार, धूल का घनत्व कम होते ही सांस लेने में हल्की-सी सहजता महसूस हुई।
सकारात्मक प्रभाव
सोसायटी अध्यक्ष लविश त्यागी ने बताया कि यह अभियान निवासियों के सुझाव पर शुरू किया गया और इसे प्रतिदिन दोपहर में दोहराया जाएगा। उन्होंने कहा कि “जब तक क्षेत्रीय स्तर पर प्रदूषण कम करने के बड़े प्रयास सफल नहीं होते, तब तक हम स्थानीय स्तर पर अपनी ज़िम्मेदारी निभा सकते हैं। यह प्रयोग उसी दिशा में एक छोटा लेकिन प्रभावी कदम है।”पार्कों में खेलते बच्चों की वापसी और खुले में टहलने निकले बुजुर्गों को देखकर इस पहल का सकारात्मक प्रभाव साफ नज़र आया। कई महिला निवासियों ने बताया कि बच्चों की आंखों में जलन, खांसी और हल्की सांस फूलने जैसी समस्याओं में सुधार देखा गया है। उनके अनुसार, यदि आसपास की अन्य सोसायटियां भी इसी तरीके को अपनाएं तो पूरा राजनगर एक्सटेंशन क्षेत्र वायु गुणवत्ता में उल्लेखनीय सुधार महसूस कर सकता है।
बड़े स्तर पर प्रयास आवश्यक
विशेषज्ञ भी मानते हैं कि स्थानीय स्तर पर धूल दमन (डस्ट सप्रेशन) प्रदूषण को कुछ हद तक नियंत्रित करने में मददगार हो सकता है, खासकर उन इलाकों में जहां निर्माण गतिविधियां और सड़क धूल प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं।Brave Hearts Society की यह पहल दिखाती है कि बड़े बदलाव के लिए हमेशा बड़े संसाधनों की ज़रूरत नहीं होती—कभी-कभी एक छोटी-सी सोच भी पूरे समुदाय को राहत दे सकती है। यह उदाहरण साबित करता है कि सामूहिक प्रयास और जागरूकता मिलकर प्रदूषण जैसी जटिल समस्या से भी लड़ा जा सकता है।
/young-bharat-news/media/agency_attachments/2024/12/20/2024-12-20t064021612z-ybn-logo-young-bharat.jpeg)
Follow Us
/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/11/dXXHxMv9gnrpRAb9ouRk.jpg)