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एंटी फोग गन मशीन
गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता
वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या से जूझ रहे गाजियाबाद में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। केंद्र और राज्य सरकार की योजनाओं के बावजूद धरातल पर सुधार की कोई ठोस पहल नजर नहीं आ रही। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सभी संबंधित विभागों से निर्माण साइटों पर एंटी स्मॉग गन की स्थिति की रिपोर्ट मांगी है, लेकिन नगर निगम के अपने कार्यालय की छत पर लगी मशीन तक निष्क्रिय पड़ी है।
सारे उपाय बेसर
जानकारों के अनुसार केंद्र सरकार से वायु प्रदूषण नियंत्रण के लिए मिले बजट से खरीदी गई कई एंटी स्मॉग गनें अब शोपीस बनकर रह गई हैं। दिल्ली सीमा से लगे महाराजपुर, हिंडनपार, डाबर तिराहा और कौशांबी जैसे क्षेत्रों में हवा की गुणवत्ता खतरनाक स्तर पर पहुंच चुकी है।पर्यावरणविद सुशील राघव ने कहा कि प्रशासन केवल औपचारिकताएं पूरी कर रहा है। “धरातल पर कोई ठोस कार्य नहीं हो रहा। लोग घरों से निकलने से पहले मास्क लगाने को मजबूर हैं,” उन्होंने कहा। वसुंधरा और कौशांबी जैसी पॉश कॉलोनियों में रहने वाले परिवार भी वायु प्रदूषण से परेशान हैं।
तत्काल उपाय जरूरी
निवासियों का कहना है कि जो उपकरण प्रदूषण नियंत्रण के लिए लगाए गए थे, वे रखरखाव के अभाव में बेकार हो चुके हैं। बच्चों को इन मशीनों के पास खेलते देखा जा सकता है। विशेषज्ञों का मत है कि यदि तत्काल प्रभाव से सड़क पर धूल नियंत्रण, निर्माण स्थलों पर निगरानी और एंटी स्मॉग गन के संचालन की व्यवस्था नहीं की गई, तो गाजियाबाद की वायु गुणवत्ता दिल्ली से भी बदतर स्थिति में पहुंच सकती है।
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