Advertisment

Problem : गाजियाबाद में ई-वाहन सब्सिडी अटकी, खरीदार परेशान

इलेक्ट्रिक वाहन (EV) खरीदने वाले लोगों को सब्सिडी का लाभ समय पर नहीं मिल पा रहा है। कई आवेदनों पर महीनों से कार्रवाई लंबित है, जबकि कुछ लोगों को उनकी पात्रता होने के बावजूद भुगतान नहीं मिला।मुख्य कारणों में उत्तर प्रदेश सरकार की नई नीति शामिल है,

author-image
Syed Ali Mehndi
front-left-side-47

File photo

गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता 

इलेक्ट्रिक वाहन (EV) खरीदने वाले लोगों को सब्सिडी का लाभ समय पर नहीं मिल पा रहा है। कई आवेदनों पर महीनों से कार्रवाई लंबित है, जबकि कुछ लोगों को उनकी पात्रता होने के बावजूद भुगतान नहीं मिला।मुख्य कारणों में उत्तर प्रदेश सरकार की नई नीति शामिल है, जिसके तहत 14 अक्टूबर 2025 से केवल राज्य के भीतर निर्मित या असेंबल किए गए वाहनों पर ही सब्सिडी मिलेगी। जो खरीदार राज्य के बाहर बने वाहन ले चुके हैं, वे अब इस लाभ से वंचित रहेंगे।

जटिल प्रक्रिया

इसके अलावा, upevsubsidy.in पोर्टल पर दस्तावेजों के सत्यापन और बैंक खातों में भुगतान की प्रक्रिया में भी काफी समय लग रहा है। कई आवेदनों में आधार कार्ड, बैंक विवरण या वाहन पंजीकरण से जुड़ी जानकारी मेल नहीं खाने के कारण आवेदन अटक गए हैं या अस्वीकार हो रहे हैं।सरकारी सूत्रों के अनुसार, सब्सिडी के लिए बजट तो आवंटित किया गया है, लेकिन आवेदनों की संख्या अधिक होने और सत्यापन की धीमी प्रक्रिया से वितरण प्रभावित हुआ है।

लम्बा इंतज़ार

केंद्र सरकार की FAME-II योजना मार्च 2024 में समाप्त हो चुकी है, जिससे अब केवल राज्य सरकार की सब्सिडी नीति ही लागू है। ऐसे में गाजियाबाद के कई खरीदारों को लाभ पाने के लिए और लंबा इंतजार करना पड़ सकता है।विशेषज्ञों का कहना है कि इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए जरूरी है कि सब्सिडी वितरण की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया जाए, ताकि खरीदारों का भरोसा बना रहे और प्रदेश में हरित परिवहन को बढ़ावा मिल सके।

Advertisment
Advertisment