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निराश्रित महिला पेंशन योजना
जिला प्रशासन द्वारा निराश्रित महिलाओं को 1000 प्रतिमाह के हिसाब से तीन माह में एक बार 3 हजार रूपये पेंशन दी जाती है लेकिन पिछले कुछ दिनों से काफी महिलाएं परेशान दिखाई दे रही हैं जो की लगातार जिला मुख्यालय के चक्कर काट रहे हैं। आए दिन महिलाओं के समूह के समूह जिला मुख्यालय में संबंधित अधिकारी से गुहार लगाते हुए नजर आते हैं।
लगभग 34 हज़ार महिलाएं है लाभार्थी
इस संबंध में जिला प्रोबेशन अधिकारी मनोज कुमार पुष्कर ने बताया कि जिला प्रशासन कुल 33933 निराश्रित महिलाओं को पेंशन दे रहा है इस वित्तीय वर्ष 3400 नई महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया जा रहा है।
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750 महिलाएं कट रही है चक्कर
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक लगभग 750 महिलाओं की पेंशन जारी नही की जा रही है जिसका कारण डायरेक्ट बेनिफिशियरी ट्रांसफर की समस्या बताई जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि यह संबंधित बैंक खाते की समस्या है जो की बैंक द्वारा हल की जाएगी जबकि बैंक इस मामले में जिला प्रशासन की ओर इशारा कर रहा है।
वृद्धा बोली-बेटियों पर नहीं बनूंगी बोझ
थाना मसूरी क्षेत्र के नाहल गांव में रहने वाली वृद्ध महिला कल्लो का कहना है कि उनकी सात बेटियां हैं और उन्होंने सब की शादी कर दी है लेकिन वह किसी पर बोझ नहीं बनना चाहती। निराश्रित पेंशन ही एक मात्र सहारा था और 8 महीने से पेंशन नहीं मिली। वे कई बार जिला मुख्यालय के चक्कर लगा चुकी हैं लेकिन उनकी पेंशन अभी तक शुरू नहीं हो पा रही है।
तालमेल का अभाव
गौरतलब है कि निराश्रित महिला पेंशन योजना में जिला प्रशासन और अभ्यर्थी के साथ बैंक के बीच बेहतर तालमेल की आवश्यकता होती है। अगर, ऐसा नहीं होता, तो बुजुर्ग महिलाओं को बेहद मुश्किल का सामना करना पड़ता है। जैसा कि लगभग 750 बुजुर्ग महिलाओं को झेलना पड़ रहा है।