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Problem : पायलट ने कर ली छुट्टी, उड़ान करनी पड़ी रद्द

हिंडन एयरपोर्ट एक बार फिर विवादों में आ गया है। इस बार मामला पटना जाने वाली उड़ान से जुड़ा है, जिसे अचानक रद्द कर दिया गया। यात्रियों का आरोप है कि उन्हें चार घंटे तक इंतजार कराया गया और अंत में यह कह दिया गया कि उड़ान अब नहीं जाएगी।

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Syed Ali Mehndi
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हिंडन एयरपोर्ट

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

हिंडन एयरपोर्ट एक बार फिर विवादों में आ गया है। इस बार मामला पटना जाने वाली उड़ान से जुड़ा है, जिसे अचानक रद्द कर दिया गया। यात्रियों का आरोप है कि उन्हें चार घंटे तक इंतजार कराया गया और अंत में यह कह दिया गया कि उड़ान अब नहीं जाएगी। इस पूरे घटनाक्रम से यात्रियों में भारी नाराजगी देखी गई। सूत्रों के अनुसार जिस पायलट को विमान उड़ाना था वह समय से नहीं पहुंच सका।

 यात्री परेशान 

घटना के अनुसार, यात्री समय से पहले एयरपोर्ट पर पहुंच गए थे और चेक-इन की प्रक्रिया पूरी कर ली थी। लेकिन उड़ान के निर्धारित समय पर कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। पहले तकनीकी कारणों का हवाला देकर यात्रियों को इंतजार करने के लिए कहा गया, फिर बाद में उड़ान रद्द करने की घोषणा कर दी गई।यात्रियों का कहना है कि एयरपोर्ट प्रबंधन और एयरलाइन ने इस देरी के दौरान कोई ठोस स्पष्टीकरण नहीं दिया। न ही समय रहते वैकल्पिक उड़ान की व्यवस्था की गई, जिससे कई लोगों की जरूरी बैठकें, पारिवारिक कार्यक्रम और अन्य योजनाएं बिगड़ गईं। कुछ यात्रियों को तो अतिरिक्त खर्च करके दिल्ली एयरपोर्ट से अन्य उड़ान लेनी पड़ी।

 विश्वसनीयता पर सवाल 

इस घटना ने हिंडन एयरपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पहले भी यहां से उड़ानों के समय और संचालन को लेकर यात्रियों ने शिकायतें दर्ज कराई हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि एयरपोर्ट के संचालन और यात्री सुविधाओं में सुधार की सख्त जरूरत है, अन्यथा यह यात्री संख्या और विश्वास दोनों खो सकता है।एयरपोर्ट प्रबंधन की ओर से कहा गया कि उड़ान रद्द होने की वजह तकनीकी खराबी थी और यात्रियों को नियमों के अनुसार रिफंड दिया जाएगा। लेकिन सवाल यह है कि क्या सिर्फ रिफंड से यात्रियों की परेशानी खत्म हो जाती है? जिन लोगों के पास समय की कमी थी, उनके लिए यह घटना न केवल आर्थिक नुकसान बल्कि मानसिक तनाव का कारण भी बनी।

सुधार बेहद आवश्यक

जरूरत है कि एयरलाइन और एयरपोर्ट प्रशासन यात्री सेवा के मानकों में सुधार करें। उड़ान में देरी या रद्द होने की स्थिति में पारदर्शी और समय पर सूचना देना, वैकल्पिक यात्रा विकल्प उपलब्ध कराना और यात्रियों को होने वाली असुविधा के लिए उचित मुआवजा देना जरूरी है।हिंडन एयरपोर्ट की यह घटना फिर साबित करती है कि भारतीय एविएशन सेक्टर में अब भी यात्री सुविधा और प्रबंधन को लेकर लंबा सफर तय करना बाकी है।

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