Advertisment

Professors' Dispute: जंग का अखाड़ा बना मुलतानी मल मोदी कॉलेज, थाने से आयोग तक रार

मोदीनगर तहसील का सबसे पुराना मुलतानीमल मोदी कॉलेज इन दिनों क़लेज के दो प्रोफेसर्स के बीच चल रहे विवाद की वजह से महाभारत का मैदान बन गया है। हालात ये हैं कि इनके बीच का विवाद थाने से एससी-एसटी आयोग तक पहुंच गया है।

author-image
Rahul Sharma
GZB Professors' Dispute-1

मोदीनगर का मुलतानीमल कॉलेज जो पिछले कुछ वक्त से क्रायवाहक प्राचार्य और एक विभागाध्यक्ष के बीच चल रहे विवाद से सुर्खियों में है।

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।

Advertisment

मोदीनगर का सबसे पुराना मुलतानीमल मोदी कॉलेज इन दिनों शिक्षा के क्षेत्र में किसी उपलब्धि की वजह से नहीं बल्कि कार्यवाहक प्राचार्य और काॅमर्स विभाग के हेड ऑफ डिपार्टमेंट के बीच चल रहे विवाद की वजह से सुर्खियों में है। दोनों प्रोफेसर्स के बीच का विवाद पहले थाने पहुंचा और अब यही विवाद राष्ट्रीय अनुसूचित जाति-जनजाति (एससी-एसटी) आयोग पहुंच गया है। 

ये है मामला

इसी साल के फरवरी महीने में कॉमर्स विभाग के प्रमुख वेदप्रकाश और कार्यवाहक प्राचार्य दीपक अग्रवाल के बीच मामूली विवाद हो गया था। इस मामले में वेदप्रकाश ने पुलिस बुला ली थी। बाद में वेदप्रकाश ने इसकी शिकायत राष्ट्रीय अनुसूचित जाति जनजाति आयोग में की थी। आरोप लगाया गया कि कार्यवाहक प्राचार्य दीपक अग्रवाल ने उनको जातिसूचक शब्द कहे। उन्हें भुगत लेने की धमकी दी। आयोग ने इसका संज्ञान लेकर दोनों पक्षों से जवाब मांगा। आयोग में इस मामले में सुनवाई के लिए 28 मई की तारीख तय है।

Advertisment

नया विवाद

वेदप्रकाश ने  इस प्रकरण के बाद सवाल उठाया कि कार्यवाहक प्राचार्य के पद पर रहते हुए दीपक अग्रवाल जांच काे प्रभावित करेंंगे। उनकी शिकायत पर दीपक अग्रवाल के शैक्षिक अधिकारों पर रोक लगा दी गई। उनके पास केवल वित्तीय अधिकार ही रह गए थे। उनके स्थान पर शैक्षिक जिम्मेदारियों को हिंदी की विभागाध्यक्ष डॉ. वंदना शर्मा को सोंप दिया गया।

प्रबंध समिति ने दे दी क्लीन चिट

Advertisment

कार्यवाहक प्राचार्य पर लगे आरोपों की जांच प्रबंध समिति ने की। प्रबंध समिति ने अपनी जांच रिपोर्ट में आरोपों को निराधार मानते हुए दीपक अग्रवाल को न सिर्फ क्लीन चिट दे दी बल्कि उनके शेक्षिक अधिकारों को भी बहाल कर दिया है।

ये कहना है दोनों पक्षों का

मामले में प्रोफेसर वेदप्रकाश का कहना है कि प्रबंध समिति ने भले ही क्लीन चिट दे दी हो। मगर, मामले की जांच एससी-एसटी आयोग कर रहा है। प्रो. वेदप्रकाश ने बताया कि इस मामले में अब 28 मई की तारीख सुनवाई के लिए लगी है। उधर, इस बारे में मुलतानी मल कॉलेज के कार्यवाहक प्राचार्य डॉ. दीपक अग्रवाल का कहना है कि प्रबंध समिति ने जांच कराई थी। उसमें प्रो. वेदप्रकाश के आरोपों की पुष्टि नहीं हुई। इसी आधार पर उनको बहाल किया गया है। अब मामला आयोग में है, तो वहां भी उनको निश्चित ही क्लीनचिट मिलेगी। उनपर लगे सभी आरोप निराधार हैं।

Advertisment
Advertisment