गाजियाबाद संवाददाता।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के तहत रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मतस्य विभाग तरह-तरह के अनुदान दे रहा है। इस सिलसिले में 15 फरवरी तक आवेदन मांगे गए हैं। सरकार और प्रशासन की मंशा है कि इसके जरिेये न सिर्फ रोजगार को बढ़ावा मिले, बल्कि मतस्य पालन के प्रति भी लोगों को जागरूक किया जा सके।
कई परियोजना, दे रहे अनुदान
वित्तीय वर्ष 2024-25 में मत्स्य विभाग प्रधानमंत्री मतस्य संपदा योजना को बढ़ावा देने में जुटा है। इसके चलते विभिन्न मात्स्यिकी परियोजनाओं के लाभ से जन सामान्य को जोड़ने के प्रयास किए जा रहे हैं।
प्रमुख योजना, अनुदान
फिनफिश हैचरी स्थापना
प्रति यूनिट 25 लाख रुपए की लागत
60% यानि 15 लाख रुपए का अनुदान
ये है जरूरी
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आवेदक के पास काम से कम आधा हेक्टेयर निजी भूमि या आवेदन करने के समय 10 वर्ष रजिस्टर्ड पेट की भूमि होने चाहिए।
निजी भूमि तालाब निर्माण परियोजना
इस योजना के अंतर्गत 7 और 4 लाख के अनुदान की व्यवस्था है जिसमें कुछ नियम एवं शर्तें लागू हैं आवेदक के पास काम से कम 2 हेक्टेयर निजी भूमि या आवेदन प्रेषित करते समय 7 वर्ष रजिस्टर पत्ता की भूमि होना आवश्यक है।
बायोफ्लॉक्ड तालाबों का निर्माण
इस परियोजना में 14 लख रुपए प्रति यूनिट तक का बजट है आवेदक के पास काम से कम एक हेक्टेयर निजी भूमि या आवेदन प्रेषित करते समय 7 वर्ष का रजिस्टर पत्ता होना आवश्यक है इसके अलावा खारे पानी का स्रोत व उसकी लैब से जांच रिपोर्ट भी आवश्यक है। वही इस योजना में तीन प्रकार की यूनिट भी लगा सकते हैं जिसमें क्षेत्रफल एवं क्षमता के हिसाब से 50 लाख,25 लाख और 7.50 लाख प्रति यूनिट का बजट स्वीकृत किया जाएगा।
फिश कियोरक,मछली की दुकान का निर्माण
इस योजना में प्रति यूनिट 10 लख रुपए का बजट है आवेदक के पास काम से कम 50 स्क्वायर मीटर निजी भूमि या आवेदन प्रेषित करते समय 10 वर्ष की अवधि हेतु रजिस्टर्ड पेट की भूमि होना अनिवार्य है। इस योजना के अंतर्गत भी 60% यानी ₹6 लाख की सब्सिडी दी जा रही है।
मनोरंजन फिशरीज का विकास
इस योजना का बजट 50 लख रुपए प्रति यूनिट है आवेदक के पास काम से कम 4000 स्क्वायर मीटर निजी भूमि या आवेदन परिषद करते समय 10 वर्ष का रजिस्टर दुपट्टा होना आवश्यक है एक आवेदक के लिए एक यूनिट की सीमा तक के अनुदान निर्धारित किया गया है।
फिश केज कल्चर द्वारा मछली पालन
इस परियोजना के अंतर्गत तीन लाख रुपए प्रति यूनिट का बजट प्रस्तावित है आवेदक के पास पहले से ही विभागीय या राजस्व के जलसा का पत्ता होना चाहिए।
वृहद मध्यकार लघु मत्स्य आहार मिल
प्रधानमंत्री संपदा योजना के अंतर्गत यह योजना सबसे ज्यादा बजट अनुमोदित करती है इसमें सबसे बड़े मस्त आहार मिल के लिए दो करोड रुपए मध्य कर मत आहार मिल के लिए 100 करोड रुपए लघु मस्त आहार मिल के लिए 30 लख रुपए प्रति यूनिट अनुमोदित किया गया है। इसमें 500 स्क्वायर मीटर से लेकर 4000 स्क्वायर मीटर तक की निजी भूमि या आवेदन प्रेषित करते समय 10 वर्ष का रजिस्टर्ड पत्ता की भूमि होना आवश्यक है। गौरतलब है इसके अलावा रेफ्रिजरेटर वाहन पर 25 लाख रुपए प्रति यूनिट, इंसुलेटेड वाहन पर 20 लाख रुपए प्रति यूनिट, थ्री व्हीलर विद आइस बॉक्स पर ₹300000 प्रति यूनिट,मोटरसाइकिल विद आइस बॉक्स पर 75,000 प्रति यूनिट साइकिल विद आइस बॉक्स पर ₹10,000 प्रति यूनिट एवं लाइव फिश वेंडिंग सेंटर पर 20 लख रुपए प्रति यूनिट का बजट निर्धारित किया गया है।
ऑन लाइन कर सकते हैं आवेदन-सहायक निदेशक
इस सम्बन्ध में सहायक निदेशक मत्स्य ऋचा चौधरी ने बताया कि ऑनलाइन आवेदन प्राप्त करने के लिए विभागीय पोर्टल http:/fisheries.up.gov.in 15.02.2025 तक खोला गया है। परियोजना की विस्तृत जानकारी, इकाई लागत, आवेदन करने की प्रक्रिया, आवेदन के साथ संलग्न किये जाने वाले अभिलेख व अन्य विवरण विभागीय बेबसाइट http:/fisheries.up.gov.in पर उपलब्ध है। विस्तृत जानकारी के लिए किसी भी कार्य दिवस में कार्यालय सहायक निदेशक मत्स्य, कं0नं0-216 विकास भवन प्रथम तल जनपद गाजियाबाद में सम्पर्क कर सकते है।