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Ghaziabad: कोर्ट ने नहीं दिया स्टे, गाजियाबाद में लागू रहेगा नया हाउस टैक्स सिस्टम

Ghaziabad: पूर्व पार्षदों द्वारा दायर याचिका पर माननीय उच्चतम न्यायालय ने स्थगन देने से इनकार कर दिया है और निगम को सूक्ष्म प्रति शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है। अगली सुनवाई ढाई महीने बाद होगी।

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Deepak Sharma
Ghaziabad: कोर्ट ने नहीं दिया स्टे, गाजियाबाद में लागू रहेगा नया हाउस टैक्स सिस्टम
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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता। गाजियाबाद नगर निगम द्वारा लागू की गई मासिक किराया दर (Monthly Rental Value - MRV) आधारित संपत्ति कर प्रणाली के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर माननीय उच्चतम न्यायालय ने याचियों को कोई भी स्थगन आदेश (Stay) देने से इनकार कर दिया है। यह याचिका पूर्व पार्षद राजेंद्र त्यागी, हिमांशु मित्तल, अनिल स्वामी व अन्य की ओर से दाखिल की गई थी।

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मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा ने जानकारी दी कि उच्चतम न्यायालय द्वारा गाजियाबाद नगर निगम को इस मामले में सूक्ष्म प्रति शपथ पत्र (Detailed Counter Affidavit) दाखिल करने के निर्देश दिए गए हैं। कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख ढाई महीने बाद तय की है, तब तक निगम द्वारा निर्धारित हाउस टैक्स व्यवस्था पूर्ववत जारी रहेगी।

हाउस टैक्स बना विकास की रीढ़

नगर निगम का दावा है कि मासिक किराया दर आधारित हाउस टैक्स व्यवस्था शहर के विकास कार्यों का प्रमुख वित्तीय आधार है। निगम के अधिकारियों ने बताया कि टैक्स से मिलने वाले राजस्व से ही सड़कों, सीवर, स्ट्रीट लाइट्स, और अन्य बुनियादी सुविधाओं के लिए योजनाएं चलाई जा रही हैं।

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निगम के अनुसार, इस नई टैक्स प्रणाली से कर संग्रहण में पारदर्शिता आई है और करदाताओं को ऑनलाइन माध्यम से भुगतान करने की सुविधा भी मिली है।

शहर की जीत है स्टे न मिलना– नगर निगम

गाजियाबाद नगर निगम ने कोर्ट के इस निर्णय को शहर के विकास की जीत बताया है। महापौर सुनीता दयाल और नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के नेतृत्व में निगम द्वारा अनेक विकास परियोजनाएं चलाई जा रही हैं। अधिकारियों का कहना है कि ऐसे समय में जब करदाता स्वेच्छा से टैक्स भर रहे हैं, कुछ लोगों द्वारा भ्रम फैलाने का प्रयास किया गया, लेकिन न्यायालय ने फिलहाल इसमें हस्तक्षेप नहीं किया।

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नगर निगम का कहना है कि जागरूक करदाताओं का सहयोग निगम को लगातार मिल रहा है और यही शहर को विकास की दिशा में आगे बढ़ा रहा है।

आगे क्या?

अब निगम को सुप्रीम कोर्ट में अपना जवाब दाखिल करना होगा। तब तक कोई भी याचिकाकर्ता हाउस टैक्स भुगतान से छूट नहीं पा सकेगा। कोर्ट का अगला निर्णय इस पूरे मामले की दिशा तय करेगा।

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मुख्य बिंदु:

  • सुप्रीम कोर्ट ने स्थगन देने से किया इनकार
  • गाजियाबाद नगर निगम को शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश
  • अगली सुनवाई ढाई महीने बाद
  • नगर निगम की हाउस टैक्स प्रणाली फिलहाल लागू रहेगी
  • नगर निगम ने फैसले को करदाताओं की जीत बताया
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