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Protest : लंबित मांगों पर आंदोलन की तैयारी में निकाय कर्मचारी

उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ अपनी लंबित मांगों को लेकर अब आर-पार की लड़ाई की तैयारी में है। कई वर्षों से मांगों के समाधान हेतु प्रयास किए जाने के बावजूद नगर विकास विभाग ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसी कारण महासंघ ने प्रदेश व्यापी आंदोलन

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Syed Ali Mehndi
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बैठक आयोजित

गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

उत्तर प्रदेश स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ अपनी लंबित मांगों को लेकर अब आर-पार की लड़ाई की तैयारी में है। कई वर्षों से मांगों के समाधान हेतु प्रयास किए जाने के बावजूद नगर विकास विभाग ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इसी कारण महासंघ ने प्रदेश व्यापी आंदोलन का ऐलान किया है।गाजियाबाद नगर निगम मुख्यालय में हुई बैठक के दौरान प्रांतीय अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र ने कहा कि कर्मचारियों की समस्याओं को लेकर कई बार प्रमुख सचिव स्तर तक बातचीत हुई। यहां तक कि नगर विकास मंत्री ने भी 2-3 बार लिखित रूप से आदेश जारी किए, लेकिन अब तक धरातल पर कुछ भी नहीं हुआ।

लखनऊ कूच की तैयारी 

महासंघ की प्रमुख मांगों में सेवानियमावली का निर्माण, पदोन्नति की व्यवस्था, समयबद्ध वेतनमान और पहले से जारी शासनादेशों का पालन शामिल है। कर्मचारियों का कहना है कि आज़ादी के 78 साल बाद भी स्थानीय निकाय के कर्मचारियों की सेवा नियमावली तक नहीं बनी। इसका नतीजा यह है कि जो कर्मचारी जिस पद पर नियुक्त होता है, वह उसी पद पर सेवानिवृत्त हो जाता है। न पदोन्नति का अवसर मिलता है और न ही कैरियर ग्रोथ का कोई रास्ता।कुछ शासनादेश तो पिछले 9 सालों से लंबित हैं, जबकि कुछ पर 4 साल से कोई कार्रवाई नहीं हुई है। कर्मचारी इसे अपनी उपेक्षा मान रहे हैं। महासंघ का कहना है कि अब उनके पास आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा।

बैठक में बनाई रणनीति

इस बैठक में महासंघ के कई पदाधिकारी मौजूद रहे और सबने मिलकर 9 अक्टूबर 2025 को लखनऊ के हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर होने वाले धरना-प्रदर्शन में भारी संख्या में पहुंचने का आह्वान किया। उनका कहना है कि जब तक सरकार उनकी समस्याओं का समाधान नहीं करेगी, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।यह आंदोलन सिर्फ कर्मचारियों की आवाज नहीं है, बल्कि नगर निकायों की कार्यप्रणाली से जुड़ा मुद्दा भी है। अगर कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान नहीं होता, तो इसका सीधा असर नगर निगम और नगर पालिकाओं की कार्यक्षमता पर पड़ेगा। इसलिए सरकार को जल्द से जल्द समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाने होंगे।

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