Advertisment

Protest : दलित युवक हत्या पर न्यायिक जांच की माँग, जोरदार प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जनपद में घटित दलित युवक की निर्मम हत्या को लेकर प्रदेशभर में आक्रोश व्याप्त है। गाजियाबाद में भारत रत्न बी.आर. अंबेडकर जन्मोत्सव समिति के अध्यक्ष अधिवक्ता गजेंद्र सिंह ने इस घटना को “भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों पर सीधा

author-image
Syed Ali Mehndi
Untitled design_20251008_125341_0000

जोरदार प्रदर्शन

गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

उत्तर प्रदेश के रायबरेली जनपद में घटित दलित युवक की निर्मम हत्या को लेकर प्रदेशभर में आक्रोश व्याप्त है। गाजियाबाद में भारत रत्न बी.आर. अंबेडकर जन्मोत्सव समिति के अध्यक्ष अधिवक्ता गजेंद्र सिंह ने इस घटना को “भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों पर सीधा हमला” बताया और निष्पक्ष न्यायिक जांच की माँग की है। उन्होंने कहा कि यह घटना केवल एक व्यक्ति की हत्या नहीं, बल्कि सामाजिक न्याय, समानता और बंधुता की भावना को रौंदने का प्रयास है।

मनुवादी सोच 

गजेंद्र सिंह ने कहा कि रायबरेली में मनुवादी मानसिकता से ग्रसित आतंकी प्रवृत्ति के व्यक्ति द्वारा एक निर्दोष दलित युवक की पीट-पीटकर हत्या कर देना देश की कानून-व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े करता है। ऐसी घटनाएँ न केवल अमानवीय हैं बल्कि यह दर्शाती हैं कि दलित समाज आज भी असुरक्षित महसूस कर रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में इस तरह की घटनाओं की बढ़ती संख्या प्रशासनिक शिथिलता और अपराधियों को मिलने वाले राजनीतिक संरक्षण का परिणाम है।

स्वतंत्र जांच ज़रूरी 

समिति ने इस घटना की न्यायिक जांच किसी स्वतंत्र आयोग या उच्च न्यायालय के वर्तमान अथवा सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अध्यक्षता में कराने की माँग की है ताकि दोषियों को कानून के कठघरे में लाया जा सके। साथ ही मृतक दलित युवक के परिवार को ₹50 लाख का मुआवज़ा और एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की माँग की गई है।अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने यह भी कहा कि दोषियों पर आतंकवाद निरोधक अधिनियम (UAPA) की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया जाए ताकि ऐसे अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा मिल सके। साथ ही स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की भूमिका की जांच कर लापरवाह अधिकारियों पर विभागीय कार्यवाही की जाए।

विशेष निगरानी प्रकोष्ठ

उन्होंने राज्य सरकार से दलित समाज की सुरक्षा के लिए “विशेष निगरानी प्रकोष्ठ” (Special Vigilance Cell) के गठन की भी माँग की। उनका कहना था कि यदि सरकार वास्तव में सामाजिक न्याय के प्रति प्रतिबद्ध है, तो उसे ऐसी संस्थागत व्यवस्थाएँ करनी होंगी जिससे भविष्य में किसी दलित या वंचित वर्ग के व्यक्ति के साथ इस तरह की बर्बरता दोबारा न हो।गाजियाबाद से उठी यह आवाज़ अब पूरे प्रदेश में गूंज रही है और समाज के विभिन्न वर्गों ने भी रायबरेली की इस दर्दनाक घटना की निष्पक्ष जांच और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की माँग की है।

Advertisment

Advertisment
Advertisment