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विरोध प्रदर्शन करते लोग
गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद शनिवार को एक अलग ही नज़ारा देखने को मिला जब बड़ी संख्या में डॉग्स लवर्स (कुत्ता प्रेमी) सड़कों पर उतर आए। हाथों में तख्तियां लिए इन लोगों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए उस आदेश का विरोध किया जिसमें आवारा कुत्तों को सड़कों से हटाकर शेल्टर होम्स में रखने का निर्देश दिया गया है। विरोध प्रदर्शन के दौरान दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और गाजियाबाद के सांसद अतुल गर्ग के खिलाफ़ जमकर नारेबाज़ी हुई। भीड़ में "मुर्दाबाद" के नारे गूंजते रहे और डॉग्स लवर्स ने भाजपा पर भी निशाना साधा।
आक्रोशित भीड़
दरअसल, सांसद अतुल गर्ग ने हाल ही में संसद में आवारा कुत्तों की समस्या का मुद्दा उठाया था। उन्होंने जनहित का हवाला देते हुए कहा था कि गली-मोहल्लों में घूम रहे कुत्तों से आए दिन हमलों की घटनाएं सामने आ रही हैं। कई बार बच्चे और बुज़ुर्ग इन कुत्तों का शिकार हो जाते हैं। यही कारण है कि उन्होंने संसद में इन कुत्तों को सड़कों से हटाकर सुरक्षित शेल्टरों में भेजे जाने की मांग रखी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर आदेश भी दिया, लेकिन कुत्ता प्रेमियों को यह फैसला रास नहीं आ रहा।
उत्तेजित डॉग लवर्स
डॉग्स लवर्स का कहना है कि आवारा कुत्ते भी इंसानों की तरह जीने का अधिकार रखते हैं। उनका मानना है कि शेल्टर होम्स में इन कुत्तों को सही माहौल नहीं मिल पाएगा और उनकी प्राकृतिक जीवनशैली प्रभावित होगी। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि सरकार इंसानों की सुरक्षा के नाम पर बेजुबान जानवरों के अधिकारों का हनन कर रही है। वहीं, इस पूरे मामले पर आम जनता की राय डॉग्स लवर्स से बिल्कुल अलग है। गाजियाबाद समेत दिल्ली-एनसीआर में आए दिन कुत्तों के काटने की घटनाओं ने लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। कई बार मासूम बच्चों को इन कुत्तों ने मौत के घाट उतार दिया है। कॉलोनियों और पार्कों में घूमते समय लोग हमेशा सतर्क रहते हैं। लोगों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट का आदेश सही दिशा में कदम है क्योंकि इससे इंसानों और जानवरों दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
दो गुटों लोग
यह मुद्दा अब दो वर्गों में बंटता दिख रहा है—एक तरफ वे लोग हैं जो इंसानों की सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं और दूसरी तरफ वे हैं जो कुत्तों के अधिकारों की रक्षा के लिए आवाज उठा रहे हैं। राजनीतिक तौर पर भी मामला गरमा गया है क्योंकि डॉग्स लवर्स ने सीधे-सीधे सांसद अतुल गर्ग और मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता को निशाने पर ले लिया है। स्पष्ट है कि यह विवाद अभी थमने वाला नहीं है। आने वाले दिनों में सरकार को ऐसा संतुलित समाधान निकालना होगा जिससे न तो इंसानों की सुरक्षा पर खतरा मंडराए और न ही जानवरों के अधिकारों का हनन हो। लोकतांत्रिक समाज में हर आवाज़ की अहमियत होती है, लेकिन ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर समाधान सोच-समझकर और व्यवहारिक दृष्टिकोण से ही निकाला जा सकता है।