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डॉ हिमानी अग्रवाल सदस्य महिला आयोग उत्तर प्रदेश
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद जिला मुख्यालय पर न्याय की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना और आमरण अनशन पर बैठी महिला पहलवान राखी से मंगलवार को उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ. हिमानी अग्रवाल ने मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने राखी की समस्याओं और उनकी मांगों को विस्तार से सुना तथा उन्हें हर संभव मदद का भरोसा दिलाया।
धरने पर पहुंची
राखी पहलवान पिछले कई दिनों से जिला मुख्यालय पर धरना दे रही हैं। उनका कहना है कि महिलाओं के साथ हो रहे अन्याय और उत्पीड़न के खिलाफ उन्होंने आवाज उठाई है। राखी का आरोप है कि उन्हें अपने ससुराल पक्ष से लगातार प्रताड़ित किया गया और न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खानी पड़ीं, लेकिन पुलिस-प्रशासन ने समय रहते कोई ठोस कदम नहीं उठाया। मजबूर होकर उन्होंने धरना और आमरण अनशन शुरू किया।
हिम्मत और संघर्ष
धरना स्थल पर पहुंची डॉ. हिमानी अग्रवाल ने राखी की हिम्मत और संघर्ष की सराहना की। उन्होंने कहा कि महिला आयोग महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान के लिए प्रतिबद्ध है। आयोग की ओर से राखी के मामले को उच्च अधिकारियों तक पहुंचाया जाएगा और उनकी समस्याओं के समाधान का पूरा प्रयास किया जाएगा। साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन को भी निर्देश दिए कि राखी की समस्याओं को गंभीरता से सुना जाए और कानून के अनुसार त्वरित कार्रवाई की जाए।
अन्याय बर्दाश्त नहीं
डॉ. अग्रवाल ने कहा कि समाज में महिलाओं के साथ किसी भी प्रकार का अन्याय बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। महिला आयोग का मुख्य उद्देश्य पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाना और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है। उन्होंने धरना स्थल पर मौजूद समर्थकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी बातचीत की और आश्वासन दिया कि आयोग राखी जैसे मामलों पर पूरी निगरानी रखेगा।धरना स्थल पर बड़ी संख्या में महिलाएं, सामाजिक कार्यकर्ता और स्थानीय लोग मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में राखी की मांगों का समर्थन किया और कहा कि यदि समय रहते महिलाओं को न्याय नहीं मिलेगा तो समाज में असंतोष बढ़ेगा। लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि महिलाओं के मामलों में पुलिस-प्रशासन अक्सर ढिलाई बरतता है, जिससे पीड़िताओं को लंबी लड़ाई लड़नी पड़ती है।राखी पहलवान ने डॉ. हिमानी अग्रवाल का धन्यवाद किया और कहा कि उनकी मौजूदगी से उन्हें हौसला मिला है। उन्होंने उम्मीद जताई कि महिला आयोग की दखल से उन्हें शीघ्र न्याय मिलेगा। राखी ने साफ कहा कि जब तक उनकी समस्याओं का समाधान नहीं होता, वह धरना और अनशन जारी रखेंगी।
बेटी लड़ाई में सब शामिल
धरना स्थल पर माहौल गंभीर लेकिन संयमित रहा। समर्थक महिलाएं हाथों में तख्तियां लिए न्याय की मांग कर रही थीं। स्थानीय संगठनों और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि राखी की लड़ाई केवल व्यक्तिगत नहीं है बल्कि यह हर उस महिला की लड़ाई है जिसे समाज और सिस्टम से न्याय नहीं मिल पा रहा।डॉ. हिमानी अग्रवाल की इस मुलाकात से उम्मीद जगी है कि राखी की मांगों पर जल्द ही सकारात्मक कदम उठाए जाएंगे। साथ ही इस पूरे घटनाक्रम ने एक बार फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर महिलाओं को न्याय दिलाने की प्रक्रिया इतनी लंबी और कठिन क्यों है।यह मामला केवल राखी पहलवान का नहीं बल्कि उन तमाम महिलाओं का है जो प्रताड़ना और अन्याय का सामना कर रही हैं। यदि महिला आयोग और प्रशासन मिलकर ठोस कार्रवाई करता है तो यह निश्चित रूप से महिलाओं के लिए एक मजबूत संदेश होगा कि उनकी आवाज को अनसुना नहीं किया जाएगा।