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Protest : डंपिंग ग्राउंड के विरोध में अर्धनग्न होकर धरने पर बैठे पूर्व विधायक

स्वच्छता और शहरी प्रबंधन की पोल तब खुल गई जब समाजवादी पार्टी के नेता एवं पूर्व विधायक असलम चौधरी को स्थानीय ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर अर्धनग्न धरने पर बैठना पड़ा। यह विरोध प्रदर्शन नगर निगम द्वारा ढबारसी गाँव के पास बनाए गए अस्थाई डंपिंग ग्राउंड

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Syed Ali Mehndi
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पूर्व विधायक का विरोध प्रदर्शन

गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता 

स्वच्छता और शहरी प्रबंधन की पोल तब खुल गई जब समाजवादी पार्टी के नेता एवं पूर्व विधायक असलम चौधरी को स्थानीय ग्रामीणों की समस्याओं को लेकर अर्धनग्न धरने पर बैठना पड़ा। यह विरोध प्रदर्शन नगर निगम द्वारा ढबारसी गाँव के पास बनाए गए अस्थाई डंपिंग ग्राउंड के खिलाफ है। नगर निगम ने गांव के नजदीक 26 बीघा जमीन किराए पर लेकर वहां शहर से निकलने वाला कचरा डंप करना शुरू किया है, जिससे स्थानीय लोगों का जीवन नारकीय बनता जा रहा है।

डंपिंग ग्राउंड मुसीबत

असलम चौधरी का कहना है कि यह डंपिंग साइट रिहायशी इलाके के बेहद करीब बनाई गई है। नगर निगम की कूड़ा उठाने वाली गाड़ियाँ रोज़ाना गांव के बीचोंबीच से होकर गुजरती हैं, जिससे रास्तों पर गंदगी फैल जाती है और बदबू से माहौल दूषित हो जाता है। ग्रामीणों का आरोप है कि भारी भरकम ट्रकों की आवाजाही ने सड़कें भी तोड़ दी हैं, जिसके चलते जगह-जगह कीचड़ फैल गया है। इस कीचड़ से न सिर्फ पैदल चलने वाले लोग परेशान हैं, बल्कि स्कूली बच्चों को भी आने-जाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।

नगर निगम की मनमानी

धरने पर बैठे पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि नगर निगम ने इस डंपिंग ग्राउंड को विकसित करने से पहले स्थानीय निवासियों की राय तक नहीं ली। किसी भी प्रकार की जनसुनवाई या सूचना के बगैर यह फैसला थोप दिया गया, जो पूरी तरह से अनुचित है। उनका कहना है कि यह न केवल पर्यावरण के लिए हानिकारक है, बल्कि ग्रामीणों की सेहत के लिए भी गंभीर खतरा बन चुका है।

जिलाधिकारी से गुहार 

असलम चौधरी ने जिलाधिकारी से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने अपील की है कि इस डंपिंग ग्राउंड को रिहायशी इलाके से दूर स्थानांतरित किया जाए और ग्रामीणों की समस्या को प्राथमिकता पर सुलझाया जाए। उनका कहना है कि जब तक नगर निगम कोई ठोस कदम नहीं उठाता, उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। धरने के दौरान गांव के कई बुज़ुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी उपस्थित रहे, जो अपने जीवन पर मंडरा रहे संकट को प्रशासन तक पहुंचाना चाहते हैं।

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गंदगी और बदबू का अंबार 

गांव के लोगों ने बताया कि कूड़े से उठने वाली बदबू के कारण खाना-पीना तक मुश्किल हो गया है। कई बार शिकायतें करने के बावजूद कोई सुनवाई नहीं हुई, जिसके चलते अब वे जनप्रतिनिधियों के साbथ मिलकर विरोध करने को मजबूर हैं। उनका कहना है कि डेंगू, मलेरिया जैसे रोगों का खतरा भी बढ़ रहा है क्योंकि गंदगी से मच्छर पनप रहे हैं। यह मामला अब राजनीतिक रंग भी पकड़ने लगा है। सपा नेता असलम चौधरी ने इसे सरकार की असंवेदनशीलता बताया और कहा कि अगर समय रहते इस मुद्दे पर कार्रवाई नहीं की गई तो आंदोलन को जिला मुख्यालय तक ले जाया जाएगा।

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