/young-bharat-news/media/media_files/2025/08/25/untitled-design_20250825_171157_0000-2025-08-25-17-14-04.jpg)
पहलवान राखी का आंदोलन
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
महिला पहलवान राखी के समर्थन में सोमवार को गाजियाबाद की सड़कों पर सैकड़ों महिलाएं उतर आईं। न्याय की मांग और उनके साहस को सलाम करने के लिए निकले इस प्रदर्शन ने पूरे शहर का ध्यान अपनी ओर खींच लिया। जिला मुख्यालय पर जारी राखी का अनिश्चितकालीन धरना और आमरण अनशन अब चौथे दिन में प्रवेश कर चुका है, और इस दौरान स्थानीय महिलाओं, सामाजिक संगठनों तथा आम नागरिकों ने एकजुट होकर उनका साथ दिया।
महिला संगठन शामिल
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने हाथों में तख्तियां और बैनर लेकर जोरदार नारेबाजी की। "राखी को न्याय दिलाओ", "महिलाओं पर अत्याचार बंद करो" और "ससुराल वालों की मनमानी नहीं चलेगी" जैसे नारों से जिला मुख्यालय परिसर गूंज उठा। महिलाओं ने जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त को एक मांग पत्र भी सौंपा, जिसमें राखी को त्वरित न्याय दिलाने और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की अपील की गई।
पति ने दिया धोखा
राखी पहलवान का मामला अब गाजियाबाद ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बनता जा रहा है। राखी का कहना है कि उनकी शादी 9 जुलाई 2024 को गाजियाबाद के अवंतिका कॉलोनी निवासी भुवनेश कुमार से हुई थी। शुरूआत में रिश्ते सामान्य रहे, लेकिन कुछ ही महीनों बाद ससुराल वालों का व्यवहार बदल गया। राखी का आरोप है कि उनके पति ने उन्हें धोखा देकर विदेश का रुख कर लिया और ससुराल वालों ने उन्हें बिना किसी कारण घर से निकाल दिया।
दरोगा है ससुर
यही नहीं, राखी ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उनके ससुर, जो उत्तर प्रदेश पुलिस में दारोगा हैं, ने उन पर मानसिक उत्पीड़न किया और तलाक के लिए लगातार दबाव बनाया। इस उत्पीड़न से तंग आकर उन्होंने 22 अगस्त 2025 से जिला मुख्यालय पर धरना और आमरण अनशन शुरू किया है। उनका कहना है कि जब तक उन्हें न्याय नहीं मिलेगा, वह अपना आंदोलन जारी रखेंगी।राखी के इस संघर्ष ने गाजियाबाद की महिलाओं और सामाजिक संगठनों को गहराई से प्रभावित किया है। महिलाओं ने कहा कि अगर एक महिला पहलवान, जिसने खेलों में जिले और प्रदेश का नाम रोशन किया, उसके साथ इस तरह का अन्याय हो सकता है, तो आम महिलाओं की स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है।
मिला जबरदस्त समर्थन
धरना स्थल पर माहौल बेहद भावुक और आक्रोशपूर्ण रहा। कई महिलाएं राखी के समर्थन में आंसू बहाती दिखीं तो कुछ ने प्रशासन को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन और उग्र होगा। वहीं, कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि यह मामला केवल राखी का नहीं, बल्कि समाज की हर उस महिला का है, जिसे ससुराल और रिश्तों में अन्याय झेलना पड़ता है।प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने सरकार और प्रशासन से अपील की कि राखी को इंसाफ दिलाने के लिए त्वरित कदम उठाए जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि पुलिस विभाग के किसी अधिकारी पर आरोप लगे हों तो निष्पक्ष जांच सुनिश्चित की जानी चाहिए, ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके।
जोर पकड़ रहा है आंदोलन
जिला मुख्यालय पर जारी यह आंदोलन लगातार जोर पकड़ रहा है। राखी पहलवान की हिम्मत और उनके समर्थन में उमड़ा यह जनसैलाब गवाही दे रहा है कि गाजियाबाद की महिलाएं अब अन्याय के खिलाफ चुप नहीं बैठेंगी।राखी ने स्पष्ट संदेश दिया है कि यह संघर्ष केवल उनके लिए नहीं, बल्कि हर उस महिला के लिए है जो हक और न्याय की उम्मीद में सिस्टम से टकरा रही है। उनका कहना है कि जब तक सच की जीत नहीं होगी, उनका अनशन जारी रहेगा।यह आंदोलन गाजियाबाद में महिला शक्ति की नई परिभाषा गढ़ रहा है और आने वाले दिनों में इसका असर प्रदेश की राजनीति और समाज पर गहराई से देखने को मिल सकता है।