गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता
पत्रकार अपूर्वा चौधरी द्वारा थाना मधुबन बापूधाम पुलिस के कथित दुर्व्यवहार के विरोध में शुरू किया गया आमरण अनशन मंगलवार को दूसरे दिन भी जारी रहा। 24 घंटे से अधिक समय बीत जाने के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई ठोस प्रतिक्रिया नहीं आई है।
मधुबन बापूधाम पुलिस पर आरोप
अपूर्वा चौधरी ने बताया कि 27 जून को एक दुर्घटना की शिकायत दर्ज कराने गई थीं, जहां थाना प्रभारी और अन्य पुलिसकर्मियों ने न केवल उन्हें अपमानित किया, बल्कि एक व्यक्ति द्वारा उनके साथ अभद्रता किए जाने की शिकायत को दबाने की कोशिश की। उन्होंने कहा, "मुझ पर सोशल मीडिया पोस्ट हटाने और शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया गया।"उन्होंने 28 जून को पुलिस आयुक्त को शिकायत दी, लेकिन कार्रवाई न होने के कारण 1 जुलाई से जिला मुख्यालय पर आमरण अनशन शुरू कर दिया। अपूर्वा की मुख्य मांगें हैं— थाना प्रभारी का तत्काल निलंबन, निष्पक्ष जांच और पत्रकारों के साथ दुर्व्यवहार पर रोक के लिए सख्त प्रावधान।
मिल रहा है समर्थन
अनशन को समर्थन देने के लिए पत्रकार संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और कई स्थानीय लोगों ने उपस्थिति दर्ज कराई। सोशल मीडिया पर भी यह मुद्दा जोर पकड़ रहा है।प्रशासन की चुप्पी को लेकर आक्रोश व्याप्त है। अपूर्वा ने स्पष्ट किया कि मांगें पूरी होने तक वह अनशन जारी रखेंगी। यह आंदोलन पत्रकारों की सुरक्षा, लोकतांत्रिक अधिकारों और पुलिस जवाबदेही जैसे अहम मुद्दों को उजागर करता है।