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विधायक संजीव शर्मा को दिया ज्ञापन
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
नगर निगम द्वारा संपत्ति कर में 3 से 5 गुना तक की भारी वृद्धि किए जाने के विरोध में महानगर उद्योग व्यापार मंडल ने शहर विधायक संजीव शर्मा को ज्ञापन सौंपा। यह ज्ञापन संगठन के अध्यक्ष गोपीचंद प्रधान व महामंत्री अशोक चावला के नेतृत्व में सौंपा गया, जिसमें नगर निगम की कार्यशैली पर गंभीर सवाल उठाए गए।
थोपे जा रहे हैं टैक्स नोटिस
नगर निगम द्वारा आवासीय व व्यवसायिक संपत्तियों पर मनमाने तरीके से टैक्स नोटिस थोपे जा रहे हैं, जिससे व्यापारी और आम नागरिकों में गहरा रोष है। व्यापारियों का आरोप है कि नगर निगम अधिनियम 1959 की धारा 174(ख) के अनुसार, संपत्ति कर में केवल दो वर्ष में एक बार ही वृद्धि हो सकती है। जबकि 2023-24 में पहले ही 10% की वृद्धि की जा चुकी है, जो 31 मार्च 2025 तक लागू है। इसके बावजूद अब करों में 3 से 5 गुना तक वृद्धि करना नियमों के विरुद्ध है। नगर निगम जिन किराया दरों के आधार पर संपत्ति कर तय कर रहा है, वे डीएम सर्किल रेट पर आधारित हैं जो न्यायसंगत नहीं है। वहीं निगम स्वयं अपनी संपत्तियों जैसे रामतेराम रोड शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और नेहरू नगर ऑडिटोरियम को वर्षों बाद भी निर्धारित दरों पर किराए पर नहीं दे सका है। ऐसे में आम जनता पर अत्यधिक कर थोपना न केवल अनुचित है, बल्कि जनविरोध को भी जन्म दे रहा है।
जारी रहेगा संघर्ष
व्यापार मंडल ने मांग की कि टैक्स में वृद्धि केवल नियमों के अनुसार होनी चाहिए और इसके लिए निगम को डीएम सर्किल रेट की जगह वैकल्पिक आधार चुनना चाहिए। उन्होंने आग्रह किया कि जब तक उचित प्रक्रिया अपनाकर सदन से स्वीकृति न मिल जाए, तब तक पुरानी टैक्स दरों को ही लागू रखा जाए।इLस अवसर पर चेयरमैन बृजमोहन सिंगल, कोषाध्यक्ष नरेश अग्रवाल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राजदेव त्यागी, उपाध्यक्ष मोनू गोयल, युवा महामंत्री डॉ. रघुराज, महामंत्री वसीम अली समेत विभिन्न क्षेत्रों के व्यापारी संगठन के प्रतिनिधि भारी संख्या में मौजूद रहे। सभी ने एक स्वर में टैक्स वृद्धि को वापस लेने की मांग की और सरकार से हस्तक्षेप की अपील की।