गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
गाजियाबाद में अधिवक्ता एक बार फिर हड़ताल के मूड में दिखाई दे रहे हैं दरअसल जिस तरह से एडवोकेट अमेंडमेंट बिल 2025 लाया जा रहा है उसे अधिवक्ताओं में रोष उत्पन्न हो चुका है इस संबंध में वरिष्ठ अधिवक्ता हरेंद्र गौतम ने कहा कि इस बिल के जरिए वकीलों का दोहन और शोषण करने की रणनीति बनाई जा रही है जिसको किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
एकजुट हो रहे हैं अधिवक्ता
एडवोकेट अमेंडमेंट बिल के खिलाफ अधिवक्ता एकजुट होते दिखाई दे रहे हैं जहां गाजियाबाद बार एसोसिएशन भी अधिवक्ताओं के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी नजर आ रही है ऐसे में फिलहाल अभी तो ज्ञापन एवं चिट्ठी पत्री का कार्यक्रम चल रहा है लेकिन जल्दी इस संबंध में अधिवक्ता कोई आंदोलन कर सकते हैं।
हड़ताल से है पुराना नाता
गाजियाबाद बार एसोसिएशन के अधिवर्तनों का हड़ताल से पुराना नाता है अधिवक्ता किसी भी विरोध प्रदर्शन को बड़ी हड़ताल में बदलने की कुवैत रखते हैं साथ ही अधिवक्ता किसी भी प्रकार की शासन प्रशासन द्वारा सख्ती या बंदिश के खिलाफ भी खड़े होने से पीछे नहीं हटते हैं। हाल ही में गाजियाबाद के अधिवक्ताओं ने एक लंबी हड़ताल कर लड़ाई लड़ी है ऐसे में फिर से हड़ताल न्यायिक व्यवस्था के लिए मुसीबत साबित हो सकती है।
वकीलों पर पूर्ण अंकुश
इस संबंध में वरिष्ठ अधिवक्ता अरुण कुमार यादव का कहना है कि एडवोकेट अमेंडमेंट बिल अधिवक्ताओ पर अंकुश लगाने के लिए लाया गया है हम अधिवक्ता गण एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल की मांग कर रहे थे ऐसे में केंद्र सरकार ने वकील विरोधी नीति अपनाते हुए हम पर अंकुश लगाने के लिए नया बिल लागू किया है।
क्या है एडवोकेट अमेंडमेंट बिल
बिल में कई ऐसे प्रावधान है जिनका अधिवक्ता विरोध कर रहे हैं जिसमें प्रमुख रूप से हड़ताल पर पाबंदी क्लाइंट द्वारा अपने अधिवक्ता से नाराज होने पर मुकदमा दर्ज करने का प्रावधान,निडर और स्वतंत्र होकर अधिवक्ता द्वारा मुकदमे लड़ने में कठिनाई आदि प्रमुख हैं।