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Punishment : सीडीओ ने चलाया डंडा 50 सरकारी कर्मचारियों का कटेगा वेतन

स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व पर जहां पूरा देश एकजुट होकर आज़ादी का जश्न मनाता है, वहीं गाजियाबाद के विकास भवन में इस मौके पर अनुशासनहीनता का बड़ा मामला सामने आया है। यहां 50 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी झंडारोहण कार्यक्रम में

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Syed Ali Mehndi
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फाइल फोटो

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्व पर जहां पूरा देश एकजुट होकर आज़ादी का जश्न मनाता है, वहीं गाजियाबाद के विकास भवन में इस मौके पर अनुशासनहीनता का बड़ा मामला सामने आया है। यहां 50 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी झंडारोहण कार्यक्रम में अनुपस्थित रहे। इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए सीडीओ अभिनव गोपाल ने सभी का एक दिन का वेतन काटने का आदेश जारी किया है।

सीडीओ की सख्ती

सीडीओ अभिनव गोपाल ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस पर झंडारोहण में उपस्थित रहना सभी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए अनिवार्य था। बावजूद इसके बड़ी संख्या में अधिकारी गैरहाजिर रहे। जिनमें डीपीओ मनोज पुष्कर, अर्थ एवं संख्या अधिकारी राजीव कुमार श्रीवास्तव, एई लघु सिंचाई हिमांशु गौतम, भूगर्भ जल नोडल अधिकारी सृष्टि जायसवाल, सहायक निदेशक मत्स्य रिचा चौधरी समेत कई वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।

पहले से थे निर्देश

12 अगस्त को जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक हुई थी, जिसमें साफ कहा गया था कि 15 अगस्त की सुबह 8 बजे सभी सरकारी व अर्ध-सरकारी भवनों, तहसीलों, ब्लॉकों और नगर निकायों में ध्वजारोहण किया जाएगा। इसके बाद विचार गोष्ठी और पौधरोपण कार्यक्रम भी अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश दिए गए थे। बावजूद इसके कई अधिकारियों ने लापरवाही दिखाई।

वेतन कटौती 

सीडीओ ने कहा कि अनुपस्थित रहने वाले सभी अधिकारियों और कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटा जाएगा। साथ ही चेतावनी दी कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

कर्मचारियों में नाराजगी

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वेतन कटौती के आदेश से कर्मचारियों में नाराजगी भी देखी जा रही है। कुछ का कहना है कि निजी कारणों से उपस्थित न हो पाने पर इतनी बड़ी सजा मिलना कठोर कदम है। वहीं सीडीओ का कहना है कि राष्ट्रीय पर्व से बढ़कर कोई काम नहीं हो सकता, ऐसे में अनुपस्थिति किसी भी तरह स्वीकार्य नहीं है।

 अनुशासन आवश्यक 

यह घटना गाजियाबाद प्रशासन में अनुशासन और जवाबदेही पर बड़ा सवाल खड़ा करती है। स्वतंत्रता दिवस जैसे अवसर पर जहां देशभक्ति का संदेश देना चाहिए था, वहां अनुपस्थिति ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिए हैं।सीडीओ की इस कार्रवाई को जहां कुछ लोग अनुशासन की दृष्टि से सही बता रहे हैं, वहीं कई लोग इसे कठोर कदम मान रहे हैं। लेकिन एक बात साफ है कि इस आदेश ने अधिकारियों और कर्मचारियों को भविष्य के लिए सतर्क कर दिया है।

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