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Ram Chalk : कौशांबी के जयपुरिया चौराहे को नया नाम मिला

कौशांबी क्षेत्र के जयपुरिया चौराहे को अब एक नई पहचान मिल गई है। समाजसेवी पवन गुप्ता जी के सहयोग से इस चौराहे का नामकरण “राम चौक” के रूप में किया गया, जिसका अनावरण स्थानीय पार्षद कुसुम मनोज गोयल द्वारा संपन्न हुआ। यह अवसर न केवल एक नाम परिवर्तन का प्रतीक

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Syed Ali Mehndi
कौशांबी में राम चौक का उद्घाटन

कौशांबी में राम चौक का उद्घाटन

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता

कौशांबी क्षेत्र के जयपुरिया चौराहे को अब एक नई पहचान मिल गई है। समाजसेवी पवन गुप्ता जी के सहयोग से इस चौराहे का नामकरण “राम चौक” के रूप में किया गया, जिसका अनावरण स्थानीय पार्षद कुसुम मनोज गोयल द्वारा संपन्न हुआ। यह अवसर न केवल एक नाम परिवर्तन का प्रतीक था, बल्कि यह सांस्कृतिक और धार्मिक समरसता का भी उत्सव बना।

 हुआ नामकरण समारोह 

नामकरण समारोह के उपलक्ष्य में एक भव्य धार्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में क्षेत्र के नागरिकों ने श्रद्धा और उत्साह के साथ भाग लिया। धार्मिक अनुष्ठानों के बाद भंडारे का भी आयोजन किया गया, जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। कार्यक्रम की पूरी व्यवस्था सुनियोजित और भव्य थी, जिससे स्थानीय निवासियों में हर्ष और गर्व की भावना दिखाई दी।

यह रहे मौजूद 

इस महत्वपूर्ण अवसर पर क्षेत्र के अनेक गणमान्य नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इनमें प्रमुख रूप से मनीष जैन, राकेश जकेतिया, गौरव वर्मा, विनय महेश्वरी, मनीष मरोडिया, जुगल, राहुल गौड़, डोवाल, नवल चौधरी, जसपाल सिंह, रवि, रविंदर, नागेंद्र, विजय वर्गीय, मुदित, प्रेम गोगिया, ओंकार शर्मा, एस.के. सिंह आदि शामिल रहे।

 जयपुरिया समिति ने सराहा 

जयपुरिया समिति के अध्यक्ष के.एल. सचदेवा, दीपक गुप्ता, प्रोफेसर मनोज गुप्ता, दीक्षा गुप्ता, एडवोकेट नीति गुप्ता, बबीता जोशी, पूजा मेहरा, रेनू मल्होत्रा, नीता जैन, सरिता गुप्ता और आशीष सिंगल सहित अनेक समाजसेवी और बुद्धिजीवी इस शुभ अवसर पर मौजूद रहे।

 राममय हो गया कौशांबी

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यह आयोजन केवल एक चौराहे का नामकरण नहीं था, बल्कि राम नाम के साथ जुड़ी हुई सांस्कृतिक और धार्मिक भावनाओं का सम्मान भी था। राम चौक अब कौशांबी की सामाजिक चेतना का केंद्र बन चुका है, जहां से आने वाली पीढ़ियों को धर्म, सेवा और एकता का संदेश मिलेगा।

 प्रेरणादायक फैसला

इस कार्यक्रम ने यह स्पष्ट कर दिया कि जब समाज के जागरूक नागरिक और प्रशासनिक प्रतिनिधि एक साथ मिलकर कोई कार्य करते हैं, तो उसका प्रभाव दूरगामी और प्रेरणादायक होता है। “राम चौक” अब न केवल एक चौराहे का नाम है, बल्कि यह पूरे क्षेत्र के लिए एक नई पहचान और गौरव का प्रतीक बन चुका है।

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