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Ramleela : 125 साल की परंपरा – घंटाघर सुल्लामल रामलीला

गाजियाबाद की सांस्कृतिक धरोहर घंटाघर सुल्लामल रामलीला इस वर्ष अपने गौरवशाली 125 वर्ष पूरे कर रही है। सन 1900-1901 के आसपास उस्ताद सुल्लामल द्वारा शुरू की गई यह रामलीला आज भी शहर की आस्था और पहचान बनी हुई है। अंग्रेज़ों के जमाने से लेकर आज तक यह आयोजन

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Syed Ali Mehndi
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उपमुख्यमंत्री को रामलीला का निमंत्रण

गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

गाजियाबाद की सांस्कृतिक धरोहर घंटाघर सुल्लामल रामलीला इस वर्ष अपने गौरवशाली 125 वर्ष पूरे कर रही है। सन 1900-1901 के आसपास उस्ताद सुल्लामल द्वारा शुरू की गई यह रामलीला आज भी शहर की आस्था और पहचान बनी हुई है। अंग्रेज़ों के जमाने से लेकर आज तक यह आयोजन न केवल गाजियाबाद बल्कि पूरे पश्चिमी उत्तर प्रदेश की धार्मिक धड़कन रहा है।

रक्षा मंत्री को आमंत्रण

इस ऐतिहासिक अवसर पर समिति पदाधिकारियों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक तथा केशव प्रसाद मौर्य को विशेष आमंत्रण दिया है। स्वागत अध्यक्ष सुभाष चन्द गुप्ता (लोहे वाले), मंत्री प्रतिनिधि सौरभ जायसवाल, कोषाध्यक्ष सुधीर गोयल (मोनू) और आलोक गुप्ता ने नेताओं से मुलाक़ात कर उन्हें आमंत्रण पत्र सौंपा।रामलीला की खासियत है कि कथा और भक्ति परंपरा के अनुरूप रहती है, लेकिन मंचन को आधुनिक तकनीकों के जरिये आकर्षक बनाया जाता है। यही वजह है कि यह आयोजन नवरात्रों में शहर का सबसे बड़ा आकर्षण माना जाता है।

उप मुख्यमंत्री को निमंत्रण  

संयुक्त बयान में रक्षा मंत्री और उपमुख्यमंत्रियों ने कहा कि लगातार 125 वर्षों तक रामलीला का आयोजन होना किसी भी परंपरा के लिए गर्व की बात है। यह केवल गाजियाबाद ही नहीं, बल्कि पूरे देश की सांस्कृतिक धरोहर है, जिसने समाज को आस्था और मर्यादा से जोड़े रखा है।समिति के स्वागत अध्यक्ष सुभाष चन्द गुप्ता ने कहा कि यह आयोजन गाजियाबाद की आत्मा है। आने वाली पीढ़ियों तक इस धरोहर को भव्य रूप में पहुंचाना हमारी जिम्मेदारी है। वहीं मंत्री प्रतिनिधि सौरभ जायसवाल ने कहा कि इस बार की तैयारियां अद्वितीय होंगी और दर्शकों को ऐतिहासिक अनुभव मिलेगा।शहरवासी भी 125वें पर्व को लेकर गहरी उत्सुकता और गर्व महसूस कर रहे हैं। श्रद्धालु मानते हैं कि यह सिर्फ आस्था का उत्सव नहीं, बल्कि गाजियाबाद की गौरवगाथा का प्रतीक है। परंपरा है कि हर साल रामलीला मैदान लाखों दर्शकों से गूंजता है और इस बार का उत्सव ऐतिहासिक स्तर पर यादगार बनने जा रहा है।

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