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राज नगर रामलीला विवाद
गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
राजनगर स्थित श्री रामलीला समिति को लेकर बड़ा निर्णय सामने आया है। डिप्टी रजिस्ट्रार, फर्म्स, सोसाइटीज एवं चिट्स गाजियाबाद ने समिति की वर्तमान प्रबंधकीय कार्यकारिणी को तत्काल प्रभाव से कालातीत घोषित कर दिया है। यह कार्रवाई समिति में चल रही अनियमितताओं, चंदे के दुरुपयोग और संविधान के उल्लंघन को देखते हुए की गई।
लंबे समय से विवाद
सूत्रों के अनुसार समिति लंबे समय से विवादों में रही है। वर्तमान में समिति का संचालन जय कुमार गुप्ता द्वारा किया जा रहा था, लेकिन उन पर आरोप था कि वे नियमों के विपरीत कार्य कर रहे हैं। पूर्व पार्षद एवं संस्थापक सदस्य राजेंद्र त्यागी और अधिवक्ता आकाश वशिष्ठ सहित कई आजीवन सदस्यों ने इस संबंध में लगातार पत्राचार कर अनियमितताओं की शिकायतें दर्ज कराई थीं। डिप्टी रजिस्ट्रार ने इन शिकायतों की जांच की और अध्यक्ष से कई बार स्पष्टीकरण मांगा, मगर संतोषजनक उत्तर व विधिक साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए जा सके। नतीजतन समिति की पूरी कार्यकारिणी भंग कर दी गई।
सदस्यता को लेकर विवाद
अब आगामी रामलीला आयोजन की जिम्मेदारी संस्थापक और आजीवन सदस्यों को सौंपी गई है। साथ ही यह भी स्पष्ट किया गया है कि कालातीत कार्यकारिणी केवल दैनिक खर्चों तक ही सीमित रहेगी और कोई नीतिगत निर्णय नहीं ले सकेगी। आयोजन से जुड़े पोस्टर, पास, प्रतीक चिन्ह आदि पर किसी भी सदस्य का पदनाम इस्तेमाल नहीं किया जाएगा।राजेंद्र त्यागी और आकाश वशिष्ठ ने जिलाधिकारी गाजियाबाद से अनुरोध किया है कि आदेश को प्रभावी बनाने के लिए सक्षम अधिकारी की नियुक्ति की जाए, ताकि आयोजन बिना किसी विवाद और व्यवधान के पूरा हो सके। उन्होंने यह भी कहा कि सभी संस्थापक और आजीवन सदस्यों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए तथा समिति की धनराशि का उपयोग केवल धार्मिक और सांस्कृतिक उद्देश्यों में होना चाहिए, न कि निजी लाभ के लिए।
पद का दुरुपयोग
आरोप है कि कालातीत कार्यकारिणी ने भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देते हुए कई पुराने सदस्यों को बाहर कर दिया और केवल अपने परिवार व व्यवसायिक मित्रों को शामिल कर लिया। इससे भक्ति और सेवा की भावना कम हो गई और केवल दिखावा एवं चमक-दमक रह गई है।रामलीला समाज को जोड़ने वाला उत्सव है, इसलिए यह आवश्यक है कि इसे सौहार्दपूर्ण वातावरण में कराया जाए। उन्होंने जिला प्रशासन से अपील की है कि आयोजन उनकी देखरेख में कराया जाए, जिससे सभी रामभक्तों को सेवा का अवसर मिल सके और समाज में एक सकारात्मक संदेश जाए।