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ration card verification campaign: वेस्टर्न यूपी के जिले फिसड्डी, सूबे में मुरादाबाद पहले, गाजियाबाद 29वें नंबर पर

मेट्रो, रेपिड और हवाई सेवा जैसे अत्याधुनिक संसाधनों से लैस वेस्टर्न यूपी के जिले सूबे में चलाए गए राशन कार्ड के सत्यापन के मामले में फिसड्डी रहे हैं। शासन के इस अभियान में मुरादाबाद पहले, तो गाजियाबाद 29वें ,,बागपत 54वें, गौतमबुद्धनगर 52वें स्थान पर है।

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Rahul Sharma
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गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।प्रदेश के जिला पूर्ति विभाग द्वारा कराए गए राशन कार्डों के सत्यापन के काम में एनसीआर में आने वाले गाजियाबाद-गौतमबुद्धनगर समेत तमाम जिले फिसड्डी रहे हैं। जहां मुरादाबाद ने इस मामले में पहला स्थान पाया है। वहीं वेस्टर्न यूपी के जिलों की बात करें तो सबसे बुरी स्थिति बागपत जिले की रही है। जिसका नंबर 54वां तो गौतमबुद्धनगर का 52वां है। गाजियाबाद इस मामले में सूबे में 29वें नंबर पर है।

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जिले में 19.56 लाख लाभार्थी 

जिले में राशन वितरण की 544 दुकानें हैं। यहां से प्रतिमाह 19.56 लाख से अधिक लोगों कों नि:शुल्क राशन दिया जाता है। अब तक जिले में 15.52 लाख लाभार्थियों का सत्यापन कराया गया है। इस पर सरकार ने नई नीति बनाकर हर लाभार्थी का सत्यापन कराने के निर्देश जिला पूर्ति अधिकारियों को दिए थे।

गाजियाबाद 29वें नंबर पर

गाजियाबाद का प्रदेश में 29वां स्थान है। जिले में 20 प्रतिशत लाभार्थी ऐसे हैं, जिनका अब तक सत्यापन नहीं हुआ है। राशन कार्डधारकों को सरकार द्वारा प्रतिमाह नि:शुल्क राशन दिया जाता है। कई बार शिकायतें मिली कि अपात्र भी नि:शुल्क राशन ले रहे हैं। इसी के चलते पूरे सूबे में सत्यापन का ये केंपेन चलाया गया है।

ये बोले-जिलापूर्ति अधिकारी

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अमित तिवारी, जिलापूर्ति अधिकारी, गाजियाबाद

गाजियाबाद के जिला पूर्ति अधिकारी अमित तिवारी का कहना है कि सभी राशन कार्डधारकों को राशन की दुकानों पर जाकर ई-केवाइसी कराने को कहा गया है। राशन डीलरों के माध्यम से कार्डधारकों को जागरूक भी किया जाता है। जिन्होंने अब तक अपना सत्यापन नहीं कराया है, उनको इस माह के अंत तक सत्यापन कराने को कहा गया है।  

और जिलों का ये है हाल

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गाजियाबाद के अलावा यदि वेस्टर्न यूपी के बाकी जिलों की बात करें तो सबसे बुरी स्थिति बागपत जिले की है। पूरे सूबे के जिलों की स्थिति में बागपत का स्थान 54वां हैं, जो वेस्टर्न यूपी के सभी जिलों में सबसे पीछे है। इसके बाद दिल्ली से सटा गौतमबुद्धनगर जिला जिसकी आधुनिकता के मामले में गाजियाबाद भी बहुत सारे मायनों में पीछे है, वह 52वें स्थान पर है। यानि वेस्टर्न यूपी के जिलों में सबसे फिसड्डी जिलों की लिस्ट में नंबर दो पर। मंडल मुख्यालय यानि मेरठ जिले की बात की जाए तो वहां का हाल भी बेहद खराब है। मेरठ का सूबे में सत्पान के मामले में नंबर 33वां है। बुलंदशहर जिला 46वें तो हापुड़ जनपद 43वें नंबर पर है।

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