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प्रवचन
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
गुलमोहर एनक्लेव सोसायटी स्थित श्री शिव बालाजी धाम मंदिर में इस्कॉन राजनगर द्वारा आयोजित हरिनाम संकीर्तन कार्यक्रम में भक्तों ने आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण वातावरण का अनुभव किया। रविवार को आयोजित इस विशेष कार्यक्रम में श्री आनंदमय मुरली मोहन ने हरिनाम जप और उसके महत्व पर गहन चर्चा की। उन्होंने कहा कि हरिनाम जपने से जीव को गोलोक धाम की प्राप्ति होती है, जहां भगवान श्रीकृष्ण और राधारानी विराजमान हैं। यह स्थान वैकुंठ से भी श्रेष्ठ माना गया है, क्योंकि यह प्रेम, आनंद और भक्ति का सर्वोच्च केंद्र है।
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ईश्वर भक्ति में सच्चा आनंद
गोलोक धाम को गायों का लोक भी कहा जाता है, जहां भगवान श्रीकृष्ण एक ग्वाले के रूप में विचरण करते हैं और गौमाता के प्रति उनका प्रेम अपार है। इस सत्संग में उन्होंने यह भी बताया कि इस संसार की प्रकृति तीन गुणों – सत्व, रज और तम – से बनी है, लेकिन भक्त जब इन तीनों गुणों से ऊपर उठकर भक्ति करता है, तो वह भगवान की कृपा का पात्र बनता है। आनंदमय जी ने जोर देकर कहा कि भक्तों का संग ही वह वातावरण बनाता है जिसमें भक्ति सहज रूप से विकसित होती है, जो कार्य बड़े-बड़े योगी भी कठिन तपस्या के द्वारा नहीं कर पाते।
हरे कृष्णा से गूंजा आंगन
कार्यक्रम की शुरुआत सुबह साढ़े 11 बजे हरिनाम संकीर्तन से हुई। "हरे कृष्ण हरे कृष्ण, कृष्ण कृष्ण हरे हरे, हरे राम हरे राम, राम राम हरे हरे" जैसे महामंत्रों की गूंज ने पूरे परिसर को भक्तिमय कर दिया। इसके पश्चात आध्यात्मिक चर्चा और प्रश्नोत्तर सत्र आयोजित किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने आध्यात्मिक जीवन से जुड़े अनेक जिज्ञासाएं रखीं। हरिनाम की महिमा और नाम जप की वैज्ञानिक और आध्यात्मिक व्याख्या ने श्रोताओं को गहराई से प्रभावित किया।
कृष्णम प्रसाद वितरण
विशेष बात यह रही कि संकीर्तन के बाद भक्तों को "कृष्णम प्रसाद" भी वितरित किया गया, जिसे प्रेम और श्रद्धा से ग्रहण किया गया। इस आयोजन में गौरव वंसल, जगदीश चंद वर्मा, सोनिया, रामौतार वैश्य, अनिल कुमार सिंह, राजेश कुमार, राहुल त्यागी सहित दर्जनों कृष्ण भक्तों ने भाग लिया और संकीर्तन की भक्ति रसधारा में निमग्न हो गए।