/young-bharat-news/media/media_files/2025/07/04/20250704_233901_0000-2025-07-04-23-40-22.jpg)
गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता
मोहर्रम की 8वीं तारीख को गाजियाबाद के संजय नगर सेक्टर-23 में आयोजित हुआ अलम का जुलूस शांति, श्रद्धा और भाईचारे की मिसाल बना। इस आयोजन में इमाम हुसैन के भाई मौला अब्बास की शहादत को याद किया गया। जुलूस की शुरुआत चित्रगुप्त बिहार से हुई और मोहम्मदीहाल तक श्रद्धालु इस यात्रा में शामिल हुए।
कर्बला को किया याद
एक मजलिस भी आयोजित की गईं, जहां मौलाना हजरात ने करबला के शहीदों की कुर्बानी और उनके उसूलों की व्याख्या की। तबर्रुक वितरित किया गया और छोटे बच्चों ने सीना ज़नी कर अपने अंदाज में श्रद्धांजलि अर्पित की।कार्यक्रम को लेकर स्थानीय लोगों में खासा उत्साह देखने को मिला। महिलाओं, बुजुर्गों और युवाओं की उपस्थिति ने इसे एक सामूहिक श्रद्धांजलि का रूप दे दिया। विशेष बात यह रही कि कार्यक्रम में अन्य समुदायों के लोगों ने भी हिस्सा लिया, जिससे साम्प्रदायिक सौहार्द की अनूठी मिसाल पेश हुई।
त्याग और बलिदान
स्थानीय प्रशासन ने भी आयोजन की सफलता में सहयोग प्रदान किया। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे और कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं आई। आयोजकों ने बताया कि मोहर्रम सिर्फ शोक नहीं, बल्कि बलिदान, साहस और न्याय की लड़ाई की प्रेरणा भी है। मोहर्रम में लगातार मजलिसों का सिलसिला जारी रहता है शिया समुदाय लगभग दो महीने कर्बला के शहीदों की शहादत का गम मानते हैं।