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Religious : वर्षा के संग पुष्प वर्षा,शिवभक्तों का अनुपम स्वागत

श्रावण मास में शिवभक्ति का अद्भुत नज़ारा गाजियाबाद मेरठ रोड स्थित नवीन अस्पताल के सामने उस समय देखने को मिला, जब हरिद्वार की पावन धरती से कांवड़ यात्रा पर निकले शिवभक्तों पर वर्षा के साथ पुष्प वर्षा की गई। यह भावनात्मक और श्रद्धा से परिपूर्ण आयोजन विश्व

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Syed Ali Mehndi
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वर्षा मे पुष्प वर्षा

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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

श्रावण मास में शिवभक्ति का अद्भुत नज़ारा गाजियाबाद मेरठ रोड स्थित नवीन अस्पताल के सामने उस समय देखने को मिला, जब हरिद्वार की पावन धरती से कांवड़ यात्रा पर निकले शिवभक्तों पर वर्षा के साथ पुष्प वर्षा की गई। यह भावनात्मक और श्रद्धा से परिपूर्ण आयोजन विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा और परमार्थ सेवा ट्रस्ट के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित हुआ, जिसमें श्रद्धालु कांवड़ियों का सम्मान और स्वागत अत्यंत भव्यता के साथ किया गया।

वर्षा में हुई पुष्प वर्षा 

इस अवसर पर विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा के पीठाधीश्वर ब्रह्मऋषि विभूति बीके शर्मा हनुमान, परमार्थ सेवा ट्रस्ट के चेयरमैन वी. के. अग्रवाल, सिविल डिफेंस के शिवकुमार शर्मा, मास्टर स्वरूपचंद शर्मा, मदनपाल शर्मा और पूर्व पार्षद जयनंद शर्मा ने संयुक्त रूप से शिवभक्तों पर पुष्पों की वर्षा की और उनकी सेवा कर पुण्य प्राप्त किया।बीके शर्मा हनुमान ने इस अवसर पर बताया कि श्रावण मास हिंदू धर्म में अत्यंत पवित्र माना जाता है। इस माह में भगवान शिव की पूजा-अर्चना विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है। उन्होंने बताया कि कांवड़ यात्रा एक प्राचीन धार्मिक परंपरा है, जिसमें भक्तगण हरिद्वार, गंगोत्री आदि तीर्थ स्थलों से गंगाजल लाकर अपने-अपने क्षेत्र के शिवालयों में शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं।

भक्त और महादेव का प्रेम

वी. के. अग्रवाल ने कहा कि महादेव अपने भक्तों से शीघ्र प्रसन्न होते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। कांवड़ यात्रा शिवभक्तों के समर्पण, तप और भक्ति का प्रतीक है। इस दौरान भक्त नंगे पांव, कठिन रास्तों और मौसम की चुनौतियों का सामना करते हुए अपने आराध्य के दर्शन हेतु बढ़ते हैं। उनके इस जज़्बे को देखकर समाज के हर वर्ग को सेवा भाव की प्रेरणा मिलती है। इस आयोजन में न केवल पुष्पवर्षा की गई, बल्कि भंडारे व चिकित्सा सेवा के माध्यम से शिवभक्तों का विशेष ध्यान भी रखा गया। राह में रुके हुए कांवड़ियों को जल, फल, भोजन और दवाइयां उपलब्ध कराई गईं। इस सेवा के पीछे यह भाव स्पष्ट था कि “नर सेवा ही नारायण सेवा है।”

गाजियाबाद में महोत्सव

गाजियाबाद में हो रही इस तरह की सेवाओं से श्रद्धा, संस्कृति और सेवा भाव का सुंदर समन्वय देखने को मिल रहा है। स्थानीय जनता व अन्य श्रद्धालुओं ने भी इस पहल की सराहना की और भविष्य में भी इस प्रकार के आयोजनों की अपेक्षा जताई।ऐसे आयोजन समाज में धार्मिक आस्था को सुदृढ़ करने के साथ-साथ समरसता, सहयोग और सेवा के मूल्यों को भी स्थापित करते हैं। शिवभक्तों के सम्मान में की गई यह पुष्पवर्षा न केवल एक धार्मिक रस्म थी, बल्कि मानवता के प्रति कर्तव्यबोध का भी प्रतीक थी।

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