Advertisment

Religious : हाय हुसैन” की सदा से गमगीन हुआ आसमान,निकाला गया जुलुस

मोहर्रम की दसवीं तारीख (आशूरा) पर रविवार को इस्लामनगर के ऐतिहासिक इमामबाड़े से निकले जुलूस ने समूचे शहर को कर्बला की यादों में डुबो दिया। “या हुसैन, या हुसैन” और “हाय हुसैन” की गूंज से वातावरण शोकाकुल हो उठा। रसूल अल्लाह  के नवासे इमाम हुसैन और उनके 72

author-image
Syed Ali Mehndi
20250706_220222_0000

मोहर्रम का जुलूस

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता

Advertisment

मोहर्रम की दसवीं तारीख (आशूरा) पर रविवार को इस्लामनगर के ऐतिहासिक इमामबाड़े से निकले जुलूस ने समूचे शहर को कर्बला की यादों में डुबो दिया। “या हुसैन, या हुसैन” और “हाय हुसैन” की गूंज से वातावरण शोकाकुल हो उठा। रसूल अल्लाह  के नवासे इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की शहादत की याद में अजादारों ने नौहाख़्वानी, सीनाज़नी और जंजीर का मातम किया।

निकला जुलुस 

जुलूस इमामबाड़े से आरंभ होकर जी.टी. रोड, नया बस अड्डा होते हुए बोझा वाली कर्बला पहुँचा। आगे हज़रत अब्बास का आलम और पीछे ताज़िया था, जिसके साथ सैकड़ों मातमदार संगठित क़दमों से चलते रहे। अंजुमन है अब्बासिया के नौहा ख़्वाहों ने “क्या हुसैन तुम बिन जहाँ” जैसे दर्द-भरे नौहे पढ़े, जबकि सदाए हुसैनी के सदस्यों ने ढोल की धीमी थाप पर मातम किया। रास्ते भर दुकानदारों ने कर्बला के प्यासों की याद में सबीलें लगाईं और इत्र से राहगीरों को तर किया। महिलाओं ने घरों की छतों से फ़ातिहा पढ़ी तथा बच्चों ने ताज़िए पर गुलाबजल छिड़का। जुलूस के दौरान शिया कॉन्फ़्रेंस तथा स्थानीय प्रशासन की ओर से ड्रोन और CCTV कैमरों से निगरानी रखी गई, ताकि सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त रहे।

Advertisment

फाका शिकनी 

अजादारों ने बोझा वाली कर्बला पहुँचकर इमाम हुसैन के गुरबत की याद में दिनभर रोज़ा (फ़ाका) रखा। जब जुलूस सम्पन्न हुआ तो नमक और पानी से रोज़ा खोला गया तथा तबर्रुक़ के तौर पर खिचड़ा व खजूर बाँटी गई। एडवोकेट राहत अब्बास, अब्बास हैदर, असद आगाह, डॉ. मोहसिन समेत समाजसेवी मौजूद रहे। इस मौक़े पर एडवोकेट राहत अब्बास ने कहा, “कर्बला का संदेश सिर्फ़ मज़हबी नहीं, बल्कि इंसानियत का पैग़ाम है—ज़ुल्म के सामने सिर न झुकाना और सच की राह पर क़ुर्बान हो जाना।” प्रशासन की ओर से तहसीलदार ने धारा 144 का पालन कराने हेतु अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया; कोई अप्रिय घटना नहीं घटी।

निकले कई जगह जुलुस 

Advertisment

डसना, मुरादनगर, गाजियाबाद शहर तथा लोनी में भी छोटे-बड़े जुलूस निकले और ताज़िया दफ़न किए गए। इस्लामनगर का मुख्य जुलूस देर रात शांतिपूर्वक संपन्न होने के बाद पुलिस और स्थानीय अंजुमनों ने मार्ग की साफ़-सफ़ाई भी कराई।समापन पर मौलाना हसन हैदर ने दुआ करवाई: “इमाम हुसैन के सदके में मुल्क को अमन, भाईचारे और इंसाफ से रौशन रख, और हमें अत्याचार के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करने की हिम्मत दे।” शहर के हर मज़हब के लोगों ने “अब्बास के पानीदार” की याद में गुलाबजल के छींटे बांटकर भाईचारे का संदेश दिया।

Advertisment
Advertisment