Roadways : साल भर गुजर गया, रोडवेज की बसों में नहीं लगे सीसीटीवी
रोडवेज डिपो की बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना अब तक केवल कागजों तक ही सीमित रह गई है। यात्रियों की सुरक्षा और बसों की निगरानी के लिए प्रवेश और निकासी द्वारों पर कैमरे लगाने की बात की गई थी, लेकिन एक साल बीत जाने के बावजूद यह योजना धरातल पर नहीं
रोडवेज डिपो की बसों में सीसीटीवी कैमरे लगाने की योजना अब तक केवल कागजों तक ही सीमित रह गई है। यात्रियों की सुरक्षा और बसों की निगरानी के लिए प्रवेश और निकासी द्वारों पर कैमरे लगाने की बात की गई थी, लेकिन एक साल बीत जाने के बावजूद यह योजना धरातल पर नहीं उतर सकी है। खासकर महिला यात्रियों की सुरक्षा के उद्देश्य से यह निर्णय लिया गया था, ताकि चालक और परिचालकों पर निगरानी रखी जा सके।
रोडवेज बस
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मुख्यालय से होगा फैसला
रोडवेज अधिकारियों की माने तो यह योजना उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के मुख्यालय से प्रस्तावित की गई थी, लेकिन न तो कैमरे उपलब्ध कराए गए और न ही कोई ठोस निर्देश जारी किए गए। केसरी नंदन चौधरी, जो रोडवेज से जुड़े अधिकारी हैं, का कहना है कि जब तक मुख्यालय से आदेश और बजट उपलब्ध नहीं होता, तब तक किसी भी बस में सीसीटीवी लगाने की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकती।
सड़क हादसों में कमी नहीं
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इस बीच, रोडवेज बसों में होने वाले हादसों में कोई खास कमी नहीं आई है। आए दिन चालक की लापरवाही या तकनीकी खामियों के कारण यात्रियों की जान जोखिम में पड़ती है। अगर सीसीटीवी लगे होते, तो दुर्घटनाओं के कारणों की जांच करना आसान होता और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई भी की जा सकती थी।
बेहतर निगरानी
इस योजना के अंतर्गत सभी बसों को मुख्यालय से जोड़ने और लाइव निगरानी की व्यवस्था की जानी थी। यह भी कहा गया था कि यदि बस में कोई विवाद या अनुशासनहीनता होती है तो उसकी रिकॉर्डिंग से तत्काल कार्रवाई की जा सकेगी।
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सुरक्षा अत्यंत आवश्यक
यात्रियों और परिवहन से जुड़े कर्मचारियों की मांग है कि यह योजना जल्द से जल्द लागू की जाए। सुरक्षा के नजरिए से यह अत्यंत आवश्यक है कि सभी सार्वजनिक परिवहन में सीसीटीवी की निगरानी हो, जिससे न केवल अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके बल्कि संचालन में भी पारदर्शिता आए।
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