गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता
शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE) के तहत गरीब और वंचित वर्ग के बच्चों को शिक्षा देने के दायित्व से बचने वाले निजी स्कूलों पर अब प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने बताया कि जिले में 30 स्कूल ऐसे हैं जो राइट टू एजुकेशन के तहत ऐडमिशन करने में आना कानी कर रहे थे इन स्कूलों के जिम्मेदार लोगों को बुलाकर 2 दिन का समय दिया गया है। अगर वो दो दिनों में रुके हुए एडमिशन नहीं करते है तो उनके खिलाफ स्कूल के खिलाफ मान्यता रद्द करने की कार्यवाही की जाएगी
बड़े स्कूलों के बड़े नखरे
जिन स्कूलों की मान्यता रद्द करने की सिफारिश की गई है, उनमें दिल्ली पब्लिक स्कूल मेरठ रोड, दिल्ली पब्लिक स्कूल लोनी रोड (साहिबाबाद), द श्री राम यूनिवर्सल स्कूल (टीला मोड़, लोनी), सेठ आनंदराम जयपुरिया पब्लिक स्कूल (वसुंधरा), जीडी गोयंका पब्लिक स्कूल (राजनगर एक्सटेंशन), सीपी आर्य पब्लिक स्कूल (स्वर्ण जयंतीपुरम) और शंभूदयाल ग्लोबल स्कूल (दयानंद नगर) शामिल हैं। इन सभी स्कूलों को कई बार लिखित नोटिस भेजे गए, मगर उसके बावजूद उन्होंने शिक्षा का अधिकार अधिनियम का पालन नहीं किया।
बीएसए ने दी 2 दिन की मोहलत
बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी यादव ने कहा कि स्कूलों को नोटिक दिया गया है अगर 2 दिनों में एडमिशन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई तो स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। अधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि भविष्य में कोई भी स्कूल यदि आरटीई के नियमों की अनदेखी करता है तो उसके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।