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आरटीई दाखिला
गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
आरटीई दाखिलों की एवज में जिले के निजी स्कूलों की मनमानी से अभिभावक परेशान हैं। आरोप है कि स्कूल दाखिले के बदले पांच हजार से लेकर 20 हजार तक की फीस मांग रहे हैं। भुगतान नहीं करने पर दाखिले से इनकार तक करने की बात कह रहे हैं। इस मामले में अभिभावकों ने जिला प्रशासन से गुहार लगाई है।
अधिकारियो से गुहार
इस संबंध में निराशा अभिभावक रविवार को जिला अधिकारी के आवास पहुंचे थे जबकि दूसरे दिन यानी आज सोमवार को वे लोग एडीएम सिटी के कार्यालय पहुंचे जहां उन्हें आश्वासन मिला है कि उनकी हर संभव मदद करते हुए बच्चों का दाखिला सुनिश्चित किया जाएगा।
स्कूलों की मनमानी पेरेंट्स बेबस
अभिभावक को स्कूल से ही कॉपी-किताब और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। वहीं कई स्कूल बैंक स्टेटमेंट मांगने के साथ घरों का सर्वे भी करा रहे हैं। जिले में इस बार सत्र 205-26 के लिए चार चरणों में कुल 6306 बच्चों को चयन हुआ है। दिसंबर से प्रक्रिया शुरू करने का मकसद बच्चों को सत्र से पहले दाखिला दिलाना था, लेकिन पहले चरण से ही स्कूल कभी सीट नहीं होने तो कभी नए सत्र में स्कूल खुलने पर दाखिला देने की बात कहकर अभिभावकों को परेशान करते आ रहे हैं। अब सत्र शुरू हुआ तो स्कूलों ने दाखिले के बदले फीस की मांग करनी शुरू कर दी है।
अभी तक नहीं मिले हैं लेटर
24 मार्च को हुए चौथे चरण के ड्रॉ में 544 बच्चों का चयन किया गया है। 27 मार्च तक इन्हें ऑफर लेटर मिलने थे, लेकिन ड्रॉ के बाद भी बच्चों को ऑफर लेटर नहीं मिल सके हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी का कहना है कि अगले सप्ताह से बच्चों को ऑफर लेटर का वितरण शुरू हो जाएगा। चारों चरणों में कुल 6306 बच्चे चयनित हुए हैं, इनमें से 100 का भी दाखिला नहीं हुआ है।