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गाजियाबाद विकास प्राधिकरण
गजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
एसएमबी समूह के द्वारा विकसित शौर्यपुरम योजना के आवंटियों के द्वारा भी समूह के कार्यकाल की पडताल कराते हुए धोखाधडी किए जाने का मुकदमा दर्ज किए जाने की आवाज उठायी जाने लगी है। आवंटियों की मानें तो जो भूखंड नर्सरी,प्राइमरी एवं हाईस्कूल के लिए डीपीआर में आरक्षित किए गए थे,उन्हें न केवल टुकडों में विभाजित करते हुए बेच दिया गया,बल्कि जिन भूखंडों पर थ्री बीएचके का निर्माण किया जाना प्रस्तावित था,उसके स्थान पर टू एवं वन बीएचके बनाते हुए उन्हें टुकडों में अर्थात फलैट के रूप में बेचने काकाम किया जा रहा है। आवंटियों की मानें तो पूरे प्रकरण को जीडीए अधिकारियों के सामने उठाने के बाद भी किसी तरह का एक्शन नहीं लिया जा रहा है।
बनाना था प्राइमरी और हाई स्कूल
महिला आवंटी रेनू शर्मा के द्वारा उठायी गई शिकायत पर यदि गौर करें तो उसमें उल्लेख किया गया कि बिल्डर समूह के द्वारा जीडीए से स्वीकृत करायी गई डीपीआर के अनुसार जिस जमीन के हिस्से को नर्सरी,प्राइमरी एवं हाई स्कूल के लिए आरक्षित किया गया,उसे छोटे टुकडों में बेच दिया गया। यहीं नहीं डी पाकेट में जिन भूखंडों पर थ्री बीएचके भवन प्रस्तावित किए गए थे,उसके स्थान पर वन एवं टू बीएचके का निर्माण करते हुए अलग अलग परिवारों को बेचने का काम किया जा रहा है।
जीडीए ने नहीं लिया एक्शन
उदाहरण स्वरूप भूखंड संख्या डी 11,डी,12,डी 13,डी,14,डी15,डी16,17,18,19,डी 20,21,डी 28,डी 29,डी 30 से डी 34,डी64 से डी 83 पर लीक से हटकर निर्माण करते हुए न केवल रेरा की व्यवस्थाओं का उल्लंघन किया जा रहा है,बल्कि आमजन के साथ धोखाधडी की जा रही है। महिला आवंटी की मानें तो लिखित में शासन के आईजीआरएस पोर्टल पर मुददा उठाने के बाद भी जीडीए के द्वारा एक्शन नहीं लिया जा रहा है।उन्होंने कहा कि इंटीग्रेटिड टाउनशिप के अंतर्गत जो बिल्डर समूह के द्वारा जीडीए से जो डीपीआर स्वीकृत करायी गई तथा मौके पर जो काम हुए उनकी यदि उच्च स्तरीय जांच होती है तो निश्चित तौर से एक बडा घोटाला उजागर होना तय है।