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भूमि घोटाला
गजियाबाद वाईबीएन संवाददाता
जहां नगर निगम के संपत्ति विभाग के द्वारा समय रहते निगम की बेशकीमती जमीनों को अवैध कब्जे से मुक्त कराए जाने का दावा किया जा रहा है। ठीक दूसरी तरफ ग्राम बौंझा के खसरा संख्या 278 के अंतर्गत आने वाली करोडों रूपए कीमत की करीब दस बीघा जमीन बेच दिए जाने का मामला सामने आया है। बताते है कि ये खेल निगम के संपत्ति विभाग के अधिकारियों से मिलीभगत से अंजाम दिया गया।
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पड़ताल हुई तो होगा खुलासा
जानकारों का कहना है कि यदि सही मायनें में प्रकरण की उच्चस्तरीय पडताल होती है तो इस बात का खुलासा होना तय है कि निगम की बेशकीमती जमीन को शहर के अनेक प्रमुख लोगों के द्वारा लाभ उठाया गया। मामला मुख्यमंत्री पोर्टलपर उठने के बाद निगम के संपत्ति अधीक्षक के द्वारा विधि अधीक्षक से रिपोर्ट मांगी है।
आरडब्ल्यूएनए की है शिकायत
लेटर के माध्यम से उल्लेख किया गया कि बौंझा रैजीडेंटस वैलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश शर्मा के द्वारा एक शिकायत के माध्यम से कहा गया कि बौंझा के खसरा संख्या 278 की लगभग एक हैक्टेयर जमीन पर निगम के संपत्ति विभाग का संरक्षण प्राप्त होने के परिणाम स्वरूप कुछ भू माफिया नगर निगम की बेशकीमती जमीन पर कब्जा किए बैठे है। शेष बची जमीन पर भी चारदीवारी करते हुए बोर्ड लगाते हुए अपने कब्जे में लेने का काम किया जा रहा है।प्रकरण के कडी में स्थल निरीक्षण एवं अभिलेखों का परीक्षण किया गया। प्रश्नगत जमीन के संबंध में एक वाद अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में गोपाल चंद बनाम नगर निगम दिनांक 10 मार्च 2004 को आंशिक रूप से बिक्री किया गया।
विधिक राय में अटका मामला
आदेशित किया गया कि वादीगण के स्वामित्व व अधिपत्य में कोई हस्तक्षेप न करें। ये आदेश वर्तमान में भी प्रभावी है। प्रकरण में तथ्यों से अवगत कराते हुए विधिक राय लिया जाना आवश्यक है। लेटर के माध्यम से ये भी उल्लेख किया गया कि प्रकरण में विद्वान अधिवक्ता से विधिक राय प्राप्त करते हुए संपत्ति विभाग को अवगत कराया जाए,ताकि आगामी कार्रवाई की जा सकें।