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Seminar : राष्ट्रीय जैविक संस्थान में 21 दिन का प्रशिक्षण प्रोग्राम शुरू

राष्ट्रीय जैविक संस्थान की तरफ से जैविक खेती के लिए 21 दिन का प्रशिक्षण सोमवार से शुरू हो गया । इसमें देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हुए कुल 30 किसानों प्रशिक्षण दिया जाएगा।.........

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Syed Ali Mehndi
दो दिवसीय जैविक खेती सेमिनार

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गाजियाबाद वाईबीएन संवाददाता

राष्ट्रीय जैविक संस्थान की तरफ से जैविक खेती के लिए 21 दिन का प्रशिक्षण सोमवार से शुरू हो गया । इसमें देश के अलग-अलग हिस्सों से आए हुए कुल 30 किसानों प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण 25 मार्च को समाप्त होगा। प्रशिक्षण में 19 वैज्ञानिक जैविक खेती के अलग-अलग विषयों पर बात करेंगे, साथ ही प्रैक्टिकल करके भी दिखाएंगे।

 30 किसान ले रहे हैं प्रशिक्षण

प्रशिक्षण में आए हुए 30 किसानों को एक-एक प्लॉट दिया जाएगा, जिसमें किसान अपने-अपने राज्यों में होने वाली प्रमुख खेती की फसलों को जैविक खेती के आधार पर उगाएंगे। प्रशिक्षण के दौरान खेती के लिए गोमूत्र से बनने वाली कीटनाशक दावों को बनाना सिखाया जाएगा। संस्थान के निदेशक डॉक्टर गनगेश शर्मा ने बताया कि देश के अलग-अलग हिस्से जम्मू कश्मीर, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और हरियाणा में पहले से जैविक खेती कर रहे किसानों को मास्टर ट्रेनर के रूप में विकसित किया जा रहा है, जिसके बाद ये सभी लोग अपने-अपने राज्यों में जाकर अन्य किसानों को जैविक खेती करना सिखाएंगे।

 2001 में शुरू हुआ था कार्यक्रम

भारत पारंपरिक रूप से जैविक है और इसके किसानों को जैविक और प्राकृतिक खेती में सर्वोत्तम प्रथाओं पर पारंपरिक ज्ञान का एक बड़ा भंडार विरासत में मिला है। पश्चिमी दुनिया में जैविक खाद्य और फाइबर की बढ़ती मांग के साथ पिछले दो दशकों में आधुनिक मानकों पर आधारित जैविक कृषि शुरू हुई। 2001 के दौरान शुरू किए गए राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम (एनपीओपी) ने देश में जैविक कृषि क्षेत्र के व्यवस्थित विकास की नींव रखी।

 तेजी से बढ़ रही है जैविक खेती

कृषि मंत्रालय, कृषि और सहकारिता विभाग के तहत राष्ट्रीय जैविक खेती केंद्र की स्थापना और 2004 के दौरान जैविक खेती अनुसंधान पर आईसीएआर-नेटवर्क परियोजना के शुभारंभ ने देश में जैविक खेती आंदोलन को बहुत जरूरी बढ़ावा दिया। 2003-04 के दौरान 42,000 हेक्टेयर क्षेत्र (एनपीओपी प्रमाणन के तहत पंजीकृत) से शुरू होकर, देश का जैविक क्षेत्र 80 लाख हेक्टेयर से अधिक तक फैल गया, जिसमें से 68 लाख हेक्टेयर एनपीओपी के तहत और लगभग 12 लाख हेक्टेयर पीजीएस प्रमाणन के तहत पंजीकृत है।

जैविक उत्पादों को बढ़ावा

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वर्ष 2001 में वाणिज्य मंत्रालय द्वारा “राष्ट्रीय जैविक उत्पादन कार्यक्रम” (एनपीओपी) की शुरूआत के साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र में जैविक कृषि को संस्थागत रूप से बढ़ावा देने की शुरुआत हुई, जिसमें जैविक उत्पादन के लिए राष्ट्रीय मानक (एनएसओपी) और मान्यता एवं प्रमाणन की प्रक्रिया को परिभाषित किया गया। 

केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण योजना 

वर्तमान में भारत में उत्पादकों को प्रमाणन की सुविधा प्रदान करने के लिए 38 मान्यता प्राप्त प्रमाणन निकाय हैं। जैविक क्षेत्र के विस्तार और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए, भारत सरकार के कृषि मंत्रालय ने जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय परियोजना (एनपीओएफ-डीएसी) शुरू की और जैविक और जैविक इनपुट उत्पादन इकाइयों, वर्मी-कंपोस्ट उत्पादन इकाइयों की स्थापना के लिए धनराशि निर्धारित की 

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