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Shameful: लो कर लो बात! वकीलों की भी दर्ज नहीं होती FIR

लोगों को न्याय दिलाने के पेशे से जुड़े लोगों को भी यदि कानूनी कार्रवाई के लिए बार-बार थाने-अफसरों के चक्कर लगाने पड़ें तो ये स्थिति शर्मनाक ही है। ऐसा ही मामला सामने आया है कविनगर थाने का।

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Rahul Sharma
kavinagar
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गाजियाबाद, वाईबीएन संवाददाता।

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दिल्ली की कडॉकड़डूमा कोर्ट में प्रेक्टिस करने वाली एक महिला अधिवक्ता के साथ के साथ एक शख्स ने सरेआम हाथ पकड़कर बदसलूकी की। धमकाया। जान से मारने की धमकी दी। पीड़ित महिला ने मौके पर ही 112 को कॉल किया। पुलिस आई। पीड़ित अधिवक्ता थाने पहुंची लिखित शिकायत दी। मगर मुकदमा तक दर्ज नहीं हुआ। महिला ने एसीपी से भी लिखित शिकायत की लेकिन कविनगर पुलिस ने केस रजिस्टर्ड नहीं किया।

18 दिसंबर की है वारदात

ये घटना 18 दिसंबर 2023 को दोपहर करीब तीन बजे की बताई जा रही है। महिला अधिवक्ता के मुताबिक उसने तुरंत ही पुलिस को कॉल किया। उसी दिन थाने पहुंचकर पुलिस को तहरीर दी। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की तो एसीपी कविनगर से भी लिखित शिकायत की। एसीपी से शिकायत के बावजूद उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की।

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तीसरी शिकायत पर दर्ज किया केस

महिला अधिवक्ता ने उच्चाधिकारियों से जब तीसरी बार मामले की शिकायत की तब कहीं जाकर पुलिस ने वीरवार को घटना की रिपोर्ट दर्ज की है। हालाकि अभी तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

ये है घटना का आरोपी

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पीड़ित महिला अधिवक्ता के मुताबिक वारदात को अंजाम देने वाले शख्स का नाम चरणजीत है। घटना की शिकार महिला दिल्ली के अर्जुन नगर इलाके की रहने वाली हैं। और शिकायतें करने के लिए लगातार दिल्ली से चक्कर काट रही थीं।

बड़ा सवाल

एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ महिला सुरक्षा को लेकर लगातार अफसरों को सख्त एक्शन लेने और इस ओर नित नये प्रयोग कराने को प्रेरित करते हैं। वहीं जिले में महिला सुरक्षा के लिए पुलिस कमिश्नर के द्वारा भी महिला हेल्प डेस्क से लेकर पिंक बूथ तक की व्यवस्था है। बावजूद इसके एक महिला अधिवक्ता की रिपोर्ट लिखने में इस तरह की लापरवाही और बेपरवाही कहीं न कहीं पुलिस अफसरों के दावों पर सवाल तो उठाती ही है।

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