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Shia-Sunni Waqf Properties in Ghaziabad:जिले में 709 संपत्ति, सबसे ज्यादा मोदीनगर तहसील में

जिले में वक्फ कुल 709 संपत्तियां हैं जिनमें 508 कब्रिस्तान-तकिया, 118 मस्जिद, दो करबला, 34 दरगाह हैं। 142 हेक्टेयर भूमि वक्फ बोर्ड के दायरे में हैं।सबसे ज्यादा वक्फ संपत्ति मोदीनगर में, तो दूसरा नंबर पर लोनी और तीसरा नंबर सदर तहसील का है।

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Rahul Sharma
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गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।

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एडीएम प्रशासन रणविजय सिंह के मुताबिक जिले में वक्फ बोर्ड की संपत्ति का सर्वे किया गया था। सर्वे में 142.71 हेक्टेयर सरकारी भूमि को वक्फ बोर्ड ने अपना दावा किया हुआ है। इन संपत्तियों की संख्या 445 है। जबकि शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड की संपत्तियों की संख्या 709 है। सर्वे में यह भी पता चला है कि कुछ मुतवल्लियों के अलल औलाद संपत्तियों को बेच देने का भी खुलासा हुआ है जबकि नियमानुसार इन संपत्तियों को नहीं बेचा जा सकता है।

ये हैं वक्फ संपत्तियां

"वक्फ" का मतलब किसी भी धार्मिक काम के लिए किया गया कोई भी दान होता है। इसका उपयोग केवल इस्लामिक कानून के तहत पवित्र, धार्मिक या धर्मार्थ के रूप में मान्यता प्राप्त उद्देश्यों के लिए किया जाता है। इसमें मस्जिद, ईदगाह, इमामबाड़ा, दरगाह, मकबरा, कब्रिस्तान आदि आते हैं। दो तरह के वक्फ में एक वक्फ अलल औलाद का मतलब वह संपत्ति जो परिवार के ही सदस्यों के लिए होती है। दूसरा वक्फ अलल खैर जिसका मतलब सार्वजनिक वक्फ है। इसकी देखभाल की जिम्मेदारी वक्फ बोर्ड की होती है।
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अल्पसंख्यक कल्याण बोर्ड ने कराया सर्वे

जिले में जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के द्वारा किए गए सर्वे में खुलासा हुआ है कि 142.71 हेक्टेयर सरकारी भूमि पर वक्फ बोर्ड ने कब्जा किया हुआ है। इन संपत्तियों की संख्या 445 है। जबकि जिले में शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड की संपत्ति की संख्या 709 है। 

ये हैं वक्फ की संपत्ति

शिया बोर्ड

जो सर्वे रिपोर्ट शासन को भेजी गई है उसके मुताबिक ज्यादातर संपत्तियों पर कब्रिस्तान व ईदगाह हैं। जिले में शिया वक्फ बोर्ड की सदर तहसील में पांच, मोदी नगर तहसील में एक और लोनी तहसील में 22 संपत्तियां हैं।
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सुन्नी बोर्ड
सुन्नी वक्फ बोर्ड की सदर तहसील क्षेत्र में 266, मोदीनगर तहसील क्षेत्र में 327, लोनी तहसील क्षेत्र में 88 वक्फ की संपत्तियां हैं। अधिकारियों का कहना है कि जिन सरकारी संपत्ति पर वक्फ बोर्ड का कब्जा है उन पर कार्रवाई करने का शासन से कोई आदेश प्राप्त नहीं हुआ है।
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नियम विरूद्ध बेच डाली वक्फ की संपत्ति

जिले में वक्फ की दो तरह की संपत्तियां हैं। एक अलल औलाद और दूसरी अलल खैर है। कुछ मुतवल्लियों ने अलल औलाद संपत्तियां बेच दी हैं। जबकि नियम के तहत इन संपत्तियों को नहीं बेचा जा सकता है। शहरी क्षेत्र में अलल औलाद की वक्फ की सबसे अधिक संपत्तियां हैं। वक्फ बोर्ड की ओर से संपत्ति का मुतवल्ली यानी संपत्ति का संरक्षक बनाया जाता है। वक्फ की संपत्ति की देखरेख का जिम्मा मुतवल्ली का है। वह उसकी रक्षा के लिए जिम्मेदार होता है। उसका आडिट भी कराता है। कुछ मुतवल्ली ने अलल औलाद वक्फ की संपत्ति को पारिवारिक संपत्ति बताकर बेच दी।

जांच में गुम हुआ फर्जीवाड़ा

नियम विरूद्ध वक्फ संपत्ति बेचने की शिकायत पूर्व में तत्कालीन कमिश्नर अनीता मेश्राम से की गई थी। उन्होंने जांच भी कराई थी। इसकी जांच कागजों में गुम होकर रह गई। अधिकारी कब्जे वाली वक्फ बोर्ड की संपत्ति की सूची देने से बच रहे हैं। वह कब्जे वाली संपत्ति का स्थान भी नहीं बताना चाहते हैं।

कहां कितनी संपत्ति

सदर तहसील - 271

मोदीनगर तहसील - 328

लोनी तहसील - 310

धार्मिक स्थल

कब्रिस्तान व तकिया - 508

मस्जिद व ईदगाह - 118

कर्बला - 02

दरगाह - 34

 

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