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Situation in hi-tech societies: महंगी दुकान, फीके पकवान, 8 में दूषित पानी पी रहे लोग

दिल्ली से सटी स्मार्ट सिटी में हाईटेक सोसायटीज में महंगे फ्लेट्स में रहने वाले दूषित पानी की पी रहे हैं। दर्जनों सोसायटीज में जांच के बाद ये हालात सामने आए हैं। शहर की 8 सोसायटीज में सबसे ज्यादा हालत खराब है। स्वास्थ्य विभाग की जांच में ये खुलासा हुआ है।

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Rahul Sharma
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गाजियाबाद, चीफ रिपोर्टर।

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दिल्ली से सटे इस यूपी के प्रवेश द्वार में हिंदुस्तान के हर कोने का शख्स परिवार के साथ मौजूद है। सभी यहां महंगे फ्लेट्स लेकर परिवार के साथ इस गरज से रह रहे हैं ताकि तमाम आधुनिक सुविधाएं और व्यवस्थाओं का लाभ ले सकें। इसके लिए मोटा खर्च भी चुकाकर ये लोग हाइटेक सोसायटीज के शहर में इस गरज से रह रहे हैं। मगर, महंगी दुकान में फीके पकवानों वाली हालत है। यहां पीने का पानी भी दूषित मिल रहा है। ये हम नहीं कह रहे बल्कि स्वास्थ्य विभाग की जांच से खुलासा हुआ है।

ये मिले सोसायटीज के हाल

स्वास्थ्य विभाग ने जनवरी से अब तक शहर की आठ प्रमुख सोसायटियों से कुल 78 पानी के नमूने लेकर जांच किया था। इनमें से महज 13 ही जांच में पास हुए। शेष 65 नमूनों में गंदगी, काई और बैक्टीरिया पाया गया था। सोसायटीज में कहीं पानी के ओवरहैड टैंक में गंदगी, काई और बैक्टीरिया मिले थे। तो कहीं मानको के अनुरूप और अनदेखी पाई गई। स्वास्थ्य विभाग ने चेतावनी दी है कि ऐसे पानी का नियमित सेवन करने से लोगों के पेट और आंतों से जुड़ी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।

प्रतीक ग्रांड सोसायटी का सबसे बुरा हाल

गाजियाबाद शहर की पॉश कॉलोनियों में गिनी जाने वाली सिद्धार्थ विहार की प्रतीक ग्रांड सोसायटी में सप्लाई हो रहे पानी के सभी 16 नमूने स्वास्थ्य विभाग की जांच में फेल पाए गए। इसके पहले भी तीन नमूने फेल हो चुके हैं। बावजूद इसके अभी तक सोसायटी में शुद्ध पेयजल की आपूर्ति के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है। पानी के नमूने असंतोष जनक होने पर स्वास्थ्य विभाग ने प्रशासन और आवास विकास परिषद को पानी की रिपोर्ट भेज दी है। इसके पहले पांच में से तीन नमूने फेल होने पर स्वास्थ्य विभाग ने सोसायटी में अलग-अलग स्थानों से 16 नए नमूने लिए थे।

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ये बोले स्वास्थ्य अधिकारी

जन स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि सोसायटी में पानी के ओवरहैड टैंक में गंदगी, काई और बैक्टीरिया मिला था। इसके पहले पांच में से तीन नमूने फेल होने पर स्वास्थ्य विभाग ने सोसायटी में अलग-अलग स्थानों से 16 नए नमूने लिए थे। उन्होंने बताया कि जांच में सोसायटी के ओवरहेड टैंक खुले पाए गए हैं। इनमें गंदगी भरी थी, पानी में काई भी जमी थी। खुले ढक्कनों के चलते बारिश, धूल और प्रदूषण जमा हो रहा था। सोसायटी में रहने वाले कई लोगों को बीते दिनों पेट दर्द, उल्टी और त्वचा की एलर्जी की परेशानी हुई थी। डॉ. राकेश कुमार ने बताया कि सोसायटी के लोगों को सलाह दी गई है कि पानी उबालकर पीएं। टैंक सिस्टम की साफ-सफाई रिपोर्ट भी तलब की है।

दूषित पानी से ये बीमारियां फैलती हैं

फिजिशियन डॉ. एस.के.शर्मा के मुताबिक दूषित पानी पीने से सबसे ज्यादा असर पाचन तंत्र पर पड़ता है। इससे डायरिया, हैजा, टाइफाइड, पीलिया और पेचिश जैसी बीमारियां हो सकती हैं। बच्चों, बुजुर्गों और पहले से बीमार लोगों में यह पानी जानलेवा भी साबित हो सकता है। गंदगी और बैक्टीरिया युक्त पानी में ई-कोलाई जैसे खतरनाक बैक्टीरिया पाए जाते हैं, जो आंतों को संक्रमित कर सकते हैं। लंबे समय तक ऐसा पानी पीने से किडनी और लिवर पर भी असर पड़ता है।
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ये है सलाह

पानी उबालकर ही पीएं
आरओ या यूवी फिल्टर का प्रयोग करें
टंकी की नियमित सफाई करवाएं
पानी में गंध हो या रंगत बदली लगे तो प्रयोग न करें
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