Smart City Ghaziabad: क्या ऐसे स्वच्छता में रहेंगे नंबर वन ? देखिए सादिक की पुलिया का हाल
गाजियाबाद के पुराने शहर और लाईन पार इलाके को जोड़ने के लिए कई दशक पहले रेलवे ट्रेक के नीचे बनाई गई सादिक की पुलिया नगर निगम के स्वच्छता के दावों को आईना दिखा रही है। पुलिया के दोनों तरफ के वार्डों के पार्षद इसकी बदहाली का ढीकरा एक-दूसरे पर फोड़ते हैं।
ये है लाईन पार क्षेत्र के कैलाश नगर वार्ड की ओर से सादिक की पुलिया से जाने का रास्ता। पार्षदजी का बोर्ड लगा है। उनके नाम लिखी बेंच भी रखी है। मगर पुलिया के भीतर क्या स्थिति है ये देखें अगली फोटो में।
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ये तस्वीर सादिक की पुलिया के भीतर कैला भट्टा स्थित वार्ड से एंट्री करने वाले हिस्से की है। देख लीजिए स्मार्ट सिटी में स्वच्छ भारत मिशन की स्थिति। दावें जो भी होते हों।
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ये हालत पुलिया के भीतर की है। चाहें कैलाश नगर के लोग यहां से गुजरें या फिर कैला भट्टा की तरफ के। हालात को दोनों में से किसी वार्ड का पार्षद सुधारने को लेकर गंभीर नहीं है।
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पूरी पुलिया में पूरे साल यही हालात रहते हैं। लेकिन भट्टा वाले पार्षद कैलाश नगर वासियों पर और कैलाश नगर के लोग और पार्षद कैला भट्टा के लोगों पर इन हालात की जिम्मेदारी डाल देते हैं। निगम के अफसर तो लगता है सो ही रहे हैं।
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नगर निगम ने इस पुलिया में स्वच्छता सर्वेक्षण के स्लोगन तो लिखवाए, मगर यहां गंदगी के अंबार से निबटने का स्थाई समाधान आज तक नहीं निकाला।
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अब इस नजारे को देख लीजिए ये कैला भट्टा की तरफ से कैलाश नगर की ओर जाने वाला रास्ता है। यदि सुबह और शाम यहां की हालत देखेंगे तो ये पुलिया गंदे नाले की शक्ल ले लेती है। किसी दिन अफसर या क्षेत्रीय विधायक यहां के हालात खुद आकर देखें तो पता चले।
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