/young-bharat-news/media/media_files/2025/11/26/img-20251126-wa0161-2025-11-26-10-43-23.jpg)
गाजियाबाद कमिश्नरेट के 3 साल पूर्ण
गाजियाबाद,वाईबीएन संवाददाता
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अपराध और अपराधियों के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति ने पूरे प्रदेश में अपराध नियंत्रण के नए मानक स्थापित किए हैं। इसी क्रम में 26 नवंबर 2022 को गठित गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट ने तीन वर्षों की छोटी अवधि में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ दर्ज की हैं। मजबूत पुलिसिंग, तकनीकी संसाधनों का उपयोग और नागरिक केंद्रित दृष्टिकोण के चलते जनपद में अपराधों में निरंतर कमी देखने को मिली है, जिससे लोगों का विश्वास पुलिस व्यवस्था में और अधिक सुदृढ़ हुआ है।
जे रविन्द्र गौड़ का मजबूत नेतृत्व
पुलिस कमिश्नर जे. रविन्दर गौड़ के अनुसार, कमिश्नरेट मॉडल लागू होने के बाद अपराधियों पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए कानून के विभिन्न प्रावधानों का बेझिझक उपयोग किया गया। जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई करते हुए 3 अरब 33 करोड़ 73 लाख से अधिक की संपत्ति जब्त की गई, जो अपराधियों की कमर तोड़ने में निर्णायक साबित हुई। वर्ष 2020, 2021 और 2022 की तुलना में पिछले तीन वर्षों में डकैती, लूट, हत्या, चेन स्नैचिंग, नकबजनी, वाहन चोरी और अन्य अपराधों में 17 प्रतिशत तक की कमी दर्ज की गई है।
महिला अपराध पर अंकुश
महिला सुरक्षा से जुड़े मामलों में भी बड़ी उपलब्धि सामने आई है। बलात्कार के मामलों में 94 प्रतिशत, शीलभंग में 51 प्रतिशत, अपहरण में 93 प्रतिशत तथा महिला उत्पीड़न के मामलों में 11 प्रतिशत की कमी पुलिस की प्रभावी कार्यप्रणाली का स्पष्ट प्रमाण है। महिलाओं को त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए कमिश्नरेट में 20 पिंक बूथ संचालित हैं जबकि मिशन शक्ति फेज-5 के तहत 25 मिशन शक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं।
जनता से संवाद
तीनों जोन में जन-केंद्रित पुलिसिंग को बढ़ावा देने के लिए व्यापक बीट व्यवस्था लागू की गई। 2131 बीट क्षेत्रों में 941 बीट एसआई और 1431 बीट पुलिस अधिकारी तैनात किए गए, जो स्थानीय नागरिकों से नियमित संवाद स्थापित कर उनकी समस्याओं का तत्काल समाधान सुनिश्चित कर रहे हैं। सिटीजन चार्टर के तहत पासपोर्ट, चरित्र सत्यापन और किरायेदारी सत्यापन जैसी सेवाएँ अब बीट अधिकारियों के माध्यम से तीव्र गति से पूर्ण की जा रही हैं।
पारदर्शी कार्य प्रणाली
पुलिस कार्यप्रणाली को पारदर्शी बनाने के लिए सभी थाना परिसर सीसीटीवी कैमरों से लैस किए गए हैं। एफआईआर की प्रतिलिपि सीधे शिकायतकर्ता के घर पहुंचाने की व्यवस्था लागू है। वादी संवाद दिवस के माध्यम से अब प्रत्येक बुधवार को वादियों को उनके मामलों की प्रगति की स्पष्ट जानकारी दी जाती है, जिससे पुलिस-जनता के बीच भरोसा और मजबूत हुआ है।
साइबर अपराधियों पर लगाम
साइबर अपराधों से निपटने के लिए साइबर थाने में 20 निरीक्षकों की विशेष टीम गठित की गई है। हर थाने में अलग साइबर सेल भी सक्रिय है, जो पीड़ितों को 24 घंटे सहायता उपलब्ध करा रही है। डायल-112 के रिस्पॉन्स टाइम में गाजियाबाद पुलिस ने पूरे उत्तर प्रदेश में पिछले 11 महीनों से पहला स्थान बनाए रखा है। नवंबर 2025 में यह समय 4.04 मिनट तक लाया गया, जो आपातकालीन सेवाओं की प्रभावशीलता को दर्शाता है।
562 मुठभेड़
बीएनएसएस के तहत 5235 अपराधियों पर कार्रवाई, गैंगस्टर एक्ट की सख्त प्रक्रियाएँ और 9665 पुराने अपराधियों का सत्यापन—ये सभी कदम अपराधियों पर दबाव बनाने में महत्वपूर्ण साबित हुए। तीन वर्षों में पुलिस मुठभेड़ों में 562 अपराधियों की गिरफ्तारी, 399 घायल और 7 अपराधियों के ढेर होने से भी अपराध जगत में स्पष्ट संदेश गया है।
और अधिक सुधार की आवश्यकता
गाजियाबाद पुलिस कमिश्नरेट ने तीन वर्षों में आधुनिक, पारदर्शी और नागरिक-उन्मुख पुलिसिंग का जो नया अध्याय लिखा है, उसने न केवल अपराध नियंत्रण में अभूतपूर्व सफलता दिलाई है बल्कि जनता के मन में सुरक्षा की नई भावना भी स्थापित की है। आने वाले समय में भी यही लक्ष्य रहेगा कि अपराध दर और घटे, हर पीड़ित को शीघ्र न्याय मिले और पुलिस-जनता संबंध और अधिक मजबूत हों।
/young-bharat-news/media/agency_attachments/2024/12/20/2024-12-20t064021612z-ybn-logo-young-bharat.jpeg)
Follow Us
/young-bharat-news/media/media_files/2025/04/11/dXXHxMv9gnrpRAb9ouRk.jpg)